—- सबसे बडे़ बैच का प्लेसमेंटदस वर्षों में सबसे बडे़ और सबसे विविध बैच के साथ, 322 योग्य उम्मीदवारों ने संस्थान के माध्यम से प्लेसमेंट हासिल किया। लगातार और अधिक ऊंचाइयों पर पहुंचते हुए संस्थान के 10 वें बैच को सौ से अधिक फ र्मों से ऑफ र मिले, जिनमें से 60 रिक्रूटर पहली बार इंस्टीट्यूट में आए। समर प्लेसमेंट के लिए रिक्रूटर्स की लिस्ट में शामिल होने वाली कुछ प्रमुख फर्मों में एक्सेंचर स्ट्रेटेजीए एक्सेंचर टेक्नोलॉजीए अडानी ग्रुपए अलाइव कोर इंडियाए एशियन पेंट्सए बीएनवाई मेलॉनए कैसियोए सिस्को सिस्टम्सए डेल मोंटेए हिंदुस्तान यूनिलीवरए कल्पतरुए मैजिकब्रिक्सए प्यूमाए रेनॉल्ट और सैमसंग आर एंड डी शामिल हैं। इस उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए आईआईएम उदयपुर के निदेशक प्रोण् जनत शाह ने कहा पूरा फोकस तेजी से उभरती डिजिटल दुनिया के लिए प्रबंधन और नेतृत्व प्रतिभाओं को विकसित करने पर है। हम समय के साथ कॉर्पोरेट जगत में डिजिटलाइजेशन की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसके लिए एक नई पीढ़ी के प्रतिभाशाली प्रबंधकों और अग्रणी लोगों की जरूरत होगी।ष्ष्निदेशक ने आगे उल्लेख किया कि आईआईएम उदयपुर ने विकास के मार्ग पर अपनी यात्रा जारी रखी है।
इस बैच के लिए 3,00,000 लाख रुपए के उच्चतम स्टाइपेंड का ऑफर मिला हैए जो पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। यह ऑफर एफएमसीजी और कंसल्टिंग क्षेत्र में पेश किया गया। टॉप 10 पर्सेन्टाइल हासिल करने वाले छात्र ने 2,09,032 रुपए का औसत स्टाइपेंड हासिल कियाए टॉप 20 पर्सेन्टाइल ने औसतन 1,67,150 रुपए का औसत स्टाइपेंड हासिल कियाए और टॉप 50 पर्सेन्टाइल ने औसतन 1,08,000 रुपए का स्टाइपेंड प्राप्त किया।ई.कॉमर्स क्षेत्र से मिले ऑफर्स की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गईए जो पिछले साल की तुलना में 100 प्रतिशत से अधिक है। इसके अलावाए आईआईएम उदयपुर के छात्रों ने गोल्डमैन सैक्स और एचएसबीसी में सबसे अधिक मांग वाले निवेश बैंकिंग भूमिकाओं में से कुछ पद हासिल किए। आदित्य बिड़ला कैपिटलए अमूलए बजाज ऑटोए बेकर ह्यूजेसए बीपीसीएलए कैपजेमिनीए कमिंसए ड्रूमए गार्टनरए जनरल इलेक्ट्रिकए एचपीसीएलए आईसीआईसीआई बैंक, आईसीआईसीआई लोम्बार्डए केपीएमजीए कुबेर बैंकए लार्सन एंड टुब्रोए लुब्रीजोलए मेक माई ट्रिपए ऑफ बिजनेसए भारतीय रिजर्व बैंक, सिक्योर मीटर्सए सेसा केयर, सदरलैंडए टैफेए टाटा कैपिटल, टाइटन, वेदांत लिमिटेडए वंडर सीमेंट, येस बैंक और जूमकार जैसी कंपनियां भी परिसर में लौट कर आईं।