एटीएस के एडीजी उमेश मिश्रा ने बताया कि अवैध हथियार लाइसेंस बनाने और बेचने वाले गिरोह के रिमांड पर चल रहे मास्टरमाइंड राहुल ग्रोवर, जुबेर और विशाल से पूछताछ के बाद उदयपुर, सिरोही, पाली, उदयपुर, बीकानेर, अजमेर, राजसमंद और चित्तौडगढ़़ में छापे मारे गए। गिरफ्तार 10 आरोपितों में 9 उदयपुर और एक अजमेर का है। एटीएस की एक टीम गिरोह के मास्टर माइंड राहुल ग्रोवर व विशाल को लेकर पंजाब गई है। टीम वहां छानबीन कर जम्मू जाएगी, जहां दस्तावेज जुटाएगी। इधर एटीएस ने कोर्ट के आदेश पर सभी 10 आरोपितों के साथ रिमांड पर चल रहे गणपत और भारत सिंह को भी न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है।
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एक-एक से ढाई से तीन घंटे पूछताछ: उदयपुर के समस्त आरोपितों से जांच अधिकारियों ने करीब ढाई से तीन घंटे तक पूछताछ की। हथियार किसलिए, कब, किससे कितने में खरीदा, हथियार के बारे में कौन सी थाना पुलिस को सूचना दी, नहीं दी तो क्या कारण रहा, के बारे में पूछताछ की। पूछताछ के बाद सुबह 11 बजे बाद एटीएस अधिकारियों ने उनकी गिरफ्तारी की जानकारी दी। इसके बाद 4 बजे उन्हें न्यायालय में पेश किया गया। गिरफ्तारी के सूचना पर सभी की ओर से जयपुर में अधिवक्ता नियुक्त किए गए। सभी शनिवार को वहां न्यायालय में जमानत याचिका पेश करेंगे।
एक-एक से ढाई से तीन घंटे पूछताछ: उदयपुर के समस्त आरोपितों से जांच अधिकारियों ने करीब ढाई से तीन घंटे तक पूछताछ की। हथियार किसलिए, कब, किससे कितने में खरीदा, हथियार के बारे में कौन सी थाना पुलिस को सूचना दी, नहीं दी तो क्या कारण रहा, के बारे में पूछताछ की। पूछताछ के बाद सुबह 11 बजे बाद एटीएस अधिकारियों ने उनकी गिरफ्तारी की जानकारी दी। इसके बाद 4 बजे उन्हें न्यायालय में पेश किया गया। गिरफ्तारी के सूचना पर सभी की ओर से जयपुर में अधिवक्ता नियुक्त किए गए। सभी शनिवार को वहां न्यायालय में जमानत याचिका पेश करेंगे।
उदयपुर का था परिवादी, यूं पकड़ में आया गिरोह 30 अगस्त को उदयपुर निवासी शंभूसिंह ने एसपी एटीएस जयपुर को रिपोर्ट दी। व्यापारिक कार्य से कई जगह आना-जाना होता है, इस कारण सुरक्षा के लिए नेशनल आम्र्स लाइसेंस के लिए अजमेर निवासी जुबेर से मुलाकात की। जुबेर ने लाइसेंस के नाम पर 5 लाख रुपए लिए, जो लाइसेंस बनाकर दिया वह वर्ष 2008-09 का होकर जम्मू कश्मीर के कटुआ का था। इस लाइसेंस के लिए उसने तीन हथियार दिए, जिसके एवज में कुल 12 लाख की राशि ली। लाइसेंस रिन्यू व ऑनलाइन वेरिफिकेशन के लिए कहा तो टालमटोल किया।
READ MORE: मिलीभगत से यूं चल रहा था हथियारों की गड़बड़ी का खेल, ऐसे समझे पूरा मामला एटीएस ने सूचना के आधार पर जम्मू-कश्मीर व अबोहर पंजाब में असलाह डीलर की जांच की, जांच में आया कि कुछ लाइसेंस सेना से संबंधित व्यक्तियों के तथा कुछ निजी व्यक्तियों के बिना सत्यापन बनाए गए। कई लाइसेंस पर जाली मुहर लगाई गई। कई लोगों को जम्मूकश्मीर का अस्थाई निवासी बताया गया।
जांच में आया कि अजमेर के जुबेर ने अबोहर के विशाल व जम्मूकश्मीर के राहुल के साथ मिलकर अलग-अलग राज्यों में कई लाइसेंस व फर्जी तरीके से हथियार सप्लाई किए।
जुबेर द्वारा अवैध लाइसेंस राजस्थान के विभिन्न जिलों के अलावा गुजरात के मेहसाणा, पाटन, मध्यप्रदेश के मंदसौर, रतलाम, जावरा व अन्य स्थान पर बनाए जा रहे है।
जुबेर द्वारा अवैध लाइसेंस राजस्थान के विभिन्न जिलों के अलावा गुजरात के मेहसाणा, पाटन, मध्यप्रदेश के मंदसौर, रतलाम, जावरा व अन्य स्थान पर बनाए जा रहे है।
सूचना पर पुख्ता होने पर जुबेर को बोगस ग्राहक भेजकर डील करते हुए पकड़ा। जुबेर के घर से काफी मात्रा में हथियार के अलावा 49 लाइसेंस व कूटरचिस सील मिली। इस प्रकार जुबेर उसके पिता उस्मान, अबोहर निवासी विशाल, जम्मू निवासी राहुल व देवास के गन हाउस के मालिक व विभिन्न लाइसेंसधारकों अपराधिक षडय़ंत्र करते हुए आपराधिक कृत्य किया।