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ग्रामीणों ने बताया कि गोमती नदी से बजरी खनन नहीं करने को लेकर पहले ही एकराय कर ली गई थी। तब से गांव का कोई भी व्यक्ति बजरी खनन नहीं करता है। लेकिन कुछ कुछ प्रभावशाली लोग इसमें सक्रिय रहे। नतीजतन, नदी का स्वरूप तो बिगड़ा ही, नदियां गहरी होने से जल स्तर भी गिर गया और कुंए सूखने लगे हैं। अपनी कार्रवाई से पहले अवैध रूप से हो रहे बजरी खनन की सूचना सलूम्बर प्रशासन को दी। तहसीलदार डायालाल पाटीदार के निर्देश पर राजस्व विभाग के कर्मचारी, गींगला पुलिस चौकी से एसआई भगवान सिंह के नेतृत्व में पुलिस के जवान, माइनिंग विभाग के फोरमैन सोनाराम मय गार्ड कोटा स्थित गोमती नदी पहुंचे, जहां अवैध स्टॉक पाया। माइनिंग टीम ने अनुमानित 232 टन बजरी स्टॉक जब्त कर मौका पर्चा बनाया और इसे सीज कर दिया। चरागाह जमीन पर यह स्टॉक जेसीबी से खुदाई के बाद ट्रैक्टरों से किए गए थे, जहां से कालाबाजारी करने वाले इसे लोड और सप्लाई करवाते थे। फतहसिंह व भीमसिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया गया कि ग्रामीणों के पहुंचने की भनक लगते ही नदी से बजरी भर रहे लोग ट्रैक्टर, जेसीबी आदि लेकर भाग निकले। ग्रामीण भी जेसीबी लेकर पहुंचे थे। उन्होंने नदी की ओर जाने वाले सभी रास्ते काट दिए ताकि और अवैध खनन करने कोई नहीं पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि दिन-रात बजरी का अवैध खनन करने वालों ने कोटा गांव के श्मशान घाट को भी नहीं छोड़ा है।
इधर, लोकमंच ने खान विभाग एवं कलक्टर को सौंपा ज्ञापन
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद बजरी के अंधाधुंध खनन के हालात बताते हुए लोकमंच ने सोमवार को खान विभाग सहित जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। अध्यक्ष कुबेरसिंह शक्तावत व संरक्षक मन्नाराम डांगी के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल उदयपुर पहुंचा और कोर्ट के आदेश की अवहेलना बताते हुए हालात दर्शाए। मिलीभगत के आरोप लगाते हुए जल्द कार्रवाई की मांग की गई। इधर वल्लभ, कोट, चरमर, बुथेल आदि में भी बजरी खनन को लेकर ज्ञापन प्रशासन को दिया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि गोमती नदी से बजरी खनन नहीं करने को लेकर पहले ही एकराय कर ली गई थी। तब से गांव का कोई भी व्यक्ति बजरी खनन नहीं करता है। लेकिन कुछ कुछ प्रभावशाली लोग इसमें सक्रिय रहे। नतीजतन, नदी का स्वरूप तो बिगड़ा ही, नदियां गहरी होने से जल स्तर भी गिर गया और कुंए सूखने लगे हैं। अपनी कार्रवाई से पहले अवैध रूप से हो रहे बजरी खनन की सूचना सलूम्बर प्रशासन को दी। तहसीलदार डायालाल पाटीदार के निर्देश पर राजस्व विभाग के कर्मचारी, गींगला पुलिस चौकी से एसआई भगवान सिंह के नेतृत्व में पुलिस के जवान, माइनिंग विभाग के फोरमैन सोनाराम मय गार्ड कोटा स्थित गोमती नदी पहुंचे, जहां अवैध स्टॉक पाया। माइनिंग टीम ने अनुमानित 232 टन बजरी स्टॉक जब्त कर मौका पर्चा बनाया और इसे सीज कर दिया। चरागाह जमीन पर यह स्टॉक जेसीबी से खुदाई के बाद ट्रैक्टरों से किए गए थे, जहां से कालाबाजारी करने वाले इसे लोड और सप्लाई करवाते थे। फतहसिंह व भीमसिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया गया कि ग्रामीणों के पहुंचने की भनक लगते ही नदी से बजरी भर रहे लोग ट्रैक्टर, जेसीबी आदि लेकर भाग निकले। ग्रामीण भी जेसीबी लेकर पहुंचे थे। उन्होंने नदी की ओर जाने वाले सभी रास्ते काट दिए ताकि और अवैध खनन करने कोई नहीं पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि दिन-रात बजरी का अवैध खनन करने वालों ने कोटा गांव के श्मशान घाट को भी नहीं छोड़ा है।
इधर, लोकमंच ने खान विभाग एवं कलक्टर को सौंपा ज्ञापन
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद बजरी के अंधाधुंध खनन के हालात बताते हुए लोकमंच ने सोमवार को खान विभाग सहित जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। अध्यक्ष कुबेरसिंह शक्तावत व संरक्षक मन्नाराम डांगी के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल उदयपुर पहुंचा और कोर्ट के आदेश की अवहेलना बताते हुए हालात दर्शाए। मिलीभगत के आरोप लगाते हुए जल्द कार्रवाई की मांग की गई। इधर वल्लभ, कोट, चरमर, बुथेल आदि में भी बजरी खनन को लेकर ज्ञापन प्रशासन को दिया गया है।