शहर में अहमदाबाद हाइवे, नाथद्वारा हाइवे, डबोक हाइवे हो या उमरड़ा, डाकनकोटड़ा, नाई क्षेत्र, सब जगह प्रभावशाली लोग निजी स्वार्थ के लिए पहाडिय़ों को मनमाने ढंग से छलनी कर रहे हैं। पहाडिय़ों की मनमाफिक खुदाई से शहर का नैसर्गिक सौंन्दर्य भी खत्म किया जा रहा है।
इनका कहना है….
पहाडिय़ों को लेकर हम चिंतित हैं। समय-समय पर हमें जो भी शिकायतें आई हैं तो पहाड़ काटने वालों के लिए कार्रवाई की। वैसे पहाडिय़ों के संरक्षण को लेकर हम कठोर नियम बनाने जा रहे हैं। इस संबंध में हमने आमजन और विषय विशेषज्ञों से चर्चा की। हम सख्ती के साथ कार्रवाई करेंगे।
– रवीन्द्र श्रीमाली, चेयरमैन यूआईटी
पहाडिय़ों को चीरने के लिए जगह-जगह भारी मशीनरी लगा रखी है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का कहना है कि सुबह से शाम तक पहाडिय़ां काटने का सिलसिला चलता है, लेकिन कोई रोकने वाला नहीं है। यूआईटी को भी पहाडिय़ां कटने की सूचना दी जाती रही है लेकिन सख्त कार्रवाई नहीं होने से इन लोगों के हौसले बुलंद हैं।
नगरीय क्षेत्र में 192 पहाडिय़ां
शहर व पेराफेरी के अलावा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की पहाडिय़ों की भी अवैध खनन और अन्य गतिविधियों के लिए कटाई हो रही है, जिससे इन पहाडिय़ों पर जंगल में रहने वाले वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास उजड़ रहे हैं। उदयपुर के नगरीय क्षेत्र में 130 राजस्व ग्राम में करीब 92 पहाडिय़ां हैं।