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उदयपुर में धड़ल्ले से छलनी हो रहा पहाड़ों का ‘सीना’, कहीं पहाड़ देखने को तरस ना जाए लेकसिटी

locationउदयपुरPublished: Apr 20, 2018 01:08:31 pm

Submitted by:

madhulika singh

उदयपुर . पहाड़ों के संरक्षण के लिए जिम्मेदार जिला प्रशासन और यूआईटी की सुस्ती के चलते उदयपुर की चारों दिशाओं में पहाडिय़ों को छलनी किया जा रहा है।

illegal mining and construction work in udaipur
मुकेश हिंगड़/उदयपुर . झीलों की नगरी उदयपुर ? को प्रकृति ने झीलें, जंगल और पहाड़ जैसे ढेरों प्राकृतिक संसाधन विरासत में दिए हैं, जिनमें से पहाड़ों के लोग सर्वाधिक दुश्मन हो गए है। पहाड़ों के संरक्षण के लिए जिम्मेदार जिला प्रशासन और यूआईटी की सुस्ती के चलते उदयपुर की चारों दिशाओं में पहाडिय़ों को छलनी किया जा रहा है। ऐसे ही पहाड़ बर्बाद होते रहे तो वह दिन दूर नहीं, जब उदयपुर अपनी पहचान खोने के साथ ही इसका पारिस्थितिकी तंत्र चरमरा जाएगा।

शहर में अहमदाबाद हाइवे, नाथद्वारा हाइवे, डबोक हाइवे हो या उमरड़ा, डाकनकोटड़ा, नाई क्षेत्र, सब जगह प्रभावशाली लोग निजी स्वार्थ के लिए पहाडिय़ों को मनमाने ढंग से छलनी कर रहे हैं। पहाडिय़ों की मनमाफिक खुदाई से शहर का नैसर्गिक सौंन्दर्य भी खत्म किया जा रहा है।
कोई पहाडिय़ों पर अवैध खनन की इमारती पत्थर निकाल रहा है, तो कोई पहाडिय़ों को मैदान में तब्दील कर प्लानिंग का काट रहा है। उमरड़ा, बड़ी, डबोक रोड क्षेत्र में तो पहाडिय़ों की बड़ी-बड़ी मशीनरी से अंधाधुंध कटाई हो रही है। ये लोग इन पहाड़ों को अपनी जमीन बताते हैं लेकिन इनके पास पहाड़ों की कटाई की कोई स्वीकृतियां नहीं है। जगह-जगह पहाडिय़ों के मूल स्वरूप को बदला जा रहा है।

इनका कहना है….
पहाडिय़ों को लेकर हम चिंतित हैं। समय-समय पर हमें जो भी शिकायतें आई हैं तो पहाड़ काटने वालों के लिए कार्रवाई की। वैसे पहाडिय़ों के संरक्षण को लेकर हम कठोर नियम बनाने जा रहे हैं। इस संबंध में हमने आमजन और विषय विशेषज्ञों से चर्चा की। हम सख्ती के साथ कार्रवाई करेंगे।
– रवीन्द्र श्रीमाली, चेयरमैन यूआईटी
लगा रखी है भारी मात्रा में मशीनरी
पहाडिय़ों को चीरने के लिए जगह-जगह भारी मशीनरी लगा रखी है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का कहना है कि सुबह से शाम तक पहाडिय़ां काटने का सिलसिला चलता है, लेकिन कोई रोकने वाला नहीं है। यूआईटी को भी पहाडिय़ां कटने की सूचना दी जाती रही है लेकिन सख्त कार्रवाई नहीं होने से इन लोगों के हौसले बुलंद हैं।

नगरीय क्षेत्र में 192 पहाडिय़ां
शहर व पेराफेरी के अलावा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की पहाडिय़ों की भी अवैध खनन और अन्य गतिविधियों के लिए कटाई हो रही है, जिससे इन पहाडिय़ों पर जंगल में रहने वाले वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास उजड़ रहे हैं। उदयपुर के नगरीय क्षेत्र में 130 राजस्व ग्राम में करीब 92 पहाडिय़ां हैं।
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