READ MORE :
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर पूर्व में पडूना और खांडी ओबरी में दो टोल टैक्स संचालित थे। अब प्रस्तावित सिक्स लेन निर्माण में एनएचएआई से अनुबंध के बाद आईआरबी कंपनी ने पडूना में संचालित टोल को बंद कर दिया गया है। अब एक टोल टैक्स केवल खांडी ओबरी में ही संचालित होगा।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर पूर्व में पडूना और खांडी ओबरी में दो टोल टैक्स संचालित थे। अब प्रस्तावित सिक्स लेन निर्माण में एनएचएआई से अनुबंध के बाद आईआरबी कंपनी ने पडूना में संचालित टोल को बंद कर दिया गया है। अब एक टोल टैक्स केवल खांडी ओबरी में ही संचालित होगा।
संगठन की चेतावनी
आदिवासी श्रमिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अरविंद कुमार डामोर ने जिला प्रशासन एवं अन्य अधिकारियों को दिए गए पत्र में बताया कि नई कंपनी ने टोल पर सेवारत २४० कार्मिकों को बेरोजगार कर दिया गया है। बेरोजगार कार्मिकों, टोल प्रबंधन एवं स्थानीय प्रशासन में इस मुद्दे को लेकर हुई वार्ता बेनतीजा रही है। तनाव में आकर खाण्डी ओबरी निवासी दिलीप पुत्र शंकर ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया है। वह निजी हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती है, जिसकी हालत गंभीर बनी हुई है। डोमार ने कहा कि मामले में प्रशासन दखल नहीं करता है तो संगठन आंदोलन का रास्ता पकड़ेगा।
आदिवासी श्रमिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अरविंद कुमार डामोर ने जिला प्रशासन एवं अन्य अधिकारियों को दिए गए पत्र में बताया कि नई कंपनी ने टोल पर सेवारत २४० कार्मिकों को बेरोजगार कर दिया गया है। बेरोजगार कार्मिकों, टोल प्रबंधन एवं स्थानीय प्रशासन में इस मुद्दे को लेकर हुई वार्ता बेनतीजा रही है। तनाव में आकर खाण्डी ओबरी निवासी दिलीप पुत्र शंकर ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया है। वह निजी हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती है, जिसकी हालत गंभीर बनी हुई है। डोमार ने कहा कि मामले में प्रशासन दखल नहीं करता है तो संगठन आंदोलन का रास्ता पकड़ेगा।
होता है पथराव
इधर, कंपनी सूत्रों की मानें तो क्षेत्र में एक गेंग कर्मचारियों के नाम पर टोल नाका संभालने आने वाली हर कंपनी पर दबाव बनाती है। कर्मचारियों को लगाने के नाम पर यह गैंग अवैध वसूली करती है। उनकी शर्तों को नहीं मानने की स्थिति में कुछ समाजकंटक रात के समय इन टोल बूथों पर पहाड़ी हिस्सों पर पथराव जैसी घटनाओं को भी अंजाम देते हैं। मजबूरी में निजी कंपनी को एेसी शर्तों को मानना पड़ता है। प्रत्येक कंपनी उनकी शर्तों पर कार्मिकों का चयन करती है। इसमें स्थानीय लोगों को भी प्राथमिकता दी जाती है।
इधर, कंपनी सूत्रों की मानें तो क्षेत्र में एक गेंग कर्मचारियों के नाम पर टोल नाका संभालने आने वाली हर कंपनी पर दबाव बनाती है। कर्मचारियों को लगाने के नाम पर यह गैंग अवैध वसूली करती है। उनकी शर्तों को नहीं मानने की स्थिति में कुछ समाजकंटक रात के समय इन टोल बूथों पर पहाड़ी हिस्सों पर पथराव जैसी घटनाओं को भी अंजाम देते हैं। मजबूरी में निजी कंपनी को एेसी शर्तों को मानना पड़ता है। प्रत्येक कंपनी उनकी शर्तों पर कार्मिकों का चयन करती है। इसमें स्थानीय लोगों को भी प्राथमिकता दी जाती है।
हम करेंगे प्रयास
अनुबंध के आधार पर एनएचएआई किसी कंपनी को कर्मचारी रखने के लिए दबाव नहीं बना सकती, लेकिन बेरोजगार लोगों से सहानुभूति रखते हुए प्रशासनिक स्तर पर टोल प्रबंधन से बातचीत की जाएगी। हमारे प्रयास यही रहेंगे कि बातचीत से ही समस्या का हल निकल जाए। विषाक्त सेवन जैसी कोई सूचना मुझे नहीं मिली है।
अनुबंध के आधार पर एनएचएआई किसी कंपनी को कर्मचारी रखने के लिए दबाव नहीं बना सकती, लेकिन बेरोजगार लोगों से सहानुभूति रखते हुए प्रशासनिक स्तर पर टोल प्रबंधन से बातचीत की जाएगी। हमारे प्रयास यही रहेंगे कि बातचीत से ही समस्या का हल निकल जाए। विषाक्त सेवन जैसी कोई सूचना मुझे नहीं मिली है।
– वी.एस. मिल, प्रबंध निदेशक, एनएचएआई उदयपुर