scriptकाले सोने के नए आवेदन में हो रहा अवैध वसूली का खेल, उदयपुर एसीबी ने छापा मारकर क‍िया भंडाफोड़ | Illegal recovery in new opium application | Patrika News

काले सोने के नए आवेदन में हो रहा अवैध वसूली का खेल, उदयपुर एसीबी ने छापा मारकर क‍िया भंडाफोड़

locationउदयपुरPublished: Oct 18, 2019 12:14:45 pm

Submitted by:

madhulika singh

opium किसान की शिकायत पर उदयपुर एसीबी टीम ने गुरुवार को चित्तौडगढ़़ जिले के डूंगला के डेलवास गांव में छापा मारा

The effect of opium on the last time, due to the weather hit

अंतिम समय पर पड़ी मौसम की मार से अफीम की गुणवत्ता पर असर

उदयपुर. मेवाड़-हाड़ौती में काले सोने (अफीम) की कालाबाजारी व मिलीभगत का भांड़ा फूटने के बाद अब नए आवेदन में मुखियाओं की ओर से अवैध वसूलियों को खेल शुरू हो गया। एक किसान की शिकायत पर उदयपुर एसीबी टीम ने गुरुवार को चित्तौडगढ़़ जिले के डूंगला के डेलवास गांव में छापा मारा। भनक लगने से मौके से वसूली करने वाला मुखिया व उसका पिता भाग निकला, लेकिन सत्यापन पुष्टि के दौरान चार हजार रुपए लेने व मांग सत्यापित होने पर ब्यूरो ने रिपोर्ट बनाई। रिपोर्ट मामला दर्ज करने के लिए जयपुर मुख्यालय भेजी जाएगी।
एसीबी एएसपी सुधीर जोशी ने बताया कि नए अफीम पट्टा आवेदन में अवैध वसूली करने पर डूंगला के डेलवास निवासी किसान दल्ला मीणा ने गांव के मुखिया सुरेश धाकड़ व उसके पिता रतन धाकड़ के खिलाफ शिकायत की थी। सत्यापन के दौरान उन्होंने 25 हजार की मांग की। आग्रह करने पर वे 10 हजार रुपए में रजामंद होते हुए चार हजार रुपए हाथों हाथ ले लिए। 6 हजार रुपए गुरुवार को लेना तय हुआ। एसीबी टीम के पहुंचने पर परिवादी ने आरोपी पिता-पुत्र को कॉल किया तो उन्होंने चित्तौडगढ़़ होने की बात कही। बाद में भनक लगने पर मोबाइल बंद कर फरार हो गए।
मचा हडक़ंप, किसानों के लिए बयान
एसीबी ने गांव में कुछ किसानों के बयान लिए तो इसकी सूचना पर आसपास के गांव से लेकर चित्तौडगढ़़ विभाग तक हडक़म्प मच गया। किसानों ने बताया कि अफीम के पूरे खेल में नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी व कर्मचारी की लिप्तता रहती है। उनके लिए गांव में मुखिया वसूली करते हैं। मुखिया के कहने पर ही अधिकारी व कर्मचारी नया पट्टा जारी करते हैं। अच्छा पैसा देने वाले किसान अधिक बुवाई करवा कम जोड़ते हैं। ऐसे किसानों के कागजों में किसी तरह की कमीबेशी को भी वे टाल देते हैं। इस खेल में अधिकारी व कर्मचारी तक पैसा पहुंचाने वाले मुखिया को भी अच्छा खासा कमीशन मिलता है। बिना मेहनत व अफीम उगाए वह सिर्फ कमीशन के आधार पर काली कमाई करता है। सीआई हरिशचन्द्र सिंह मय टीम ने गांव में कई किसानों के बयान लिए। टीम अब मुखिया व अधिकारियों की मिलीभगत की जांच के लिए शुक्रवार को नारकोटिक्स विभाग की ओर से अब तक जारी किए आवेदनों की जांच करेगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो