डेढ़ साल से संबंध, पता लगा तो मारपीट
प्रारंभिक पूछताछ में रेणुका ने बताया कि राजू से डेढ़ साल से प्रेम प्रसंग था। दोनों छिपकर मिलते थे। पति नारायण को भनक लग गई। दोनों में इसे लेकर झगड़ा होता। रेणुका से नारायण मारपीट भी करता। इससे परेशान रेणुका ने प्रेमी राजू के साथ मिलकर नारायण की हत्या की साजिश रची। रेणुका ने 11 मई की रात फ ोन कर राजू को घर बुला लिया। तब नारायण सो गया था। वह तेज आवाज में टीवी देखती रही। फिर उसने दरवाजा खोल लिया। राजू ने सोए नारायण का रस्सी से गला घोंट दिया। इस दौरान रेणुका नारायण के पैर पकड़े रही। राजू वहां से भाग गया। पति की मौत के बाद भी रेणुका उसी कमरे में रातभर सोई रही ताकी किसी को शक न हो।
ऐसे खुला राज सुबह बेटे के मृत मिलने के बाद बंशीलाल सुधबुध खो बैठा। उसने नारायण के गले पर निशान पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। किसी पर शक भी नहीं जताया। इस बीच भतीजे प्रकाश ने बंशीलाल को बताया कि 11 मई की रात लगभग साढ़े बारह बजे नारायण के कमरे से भाभी रेणुका निकली थी। बाहर आकर मोबाइल का टॉर्च जलाकर रोशनी की। प्रकाश ने समझा कि भाभी रेणुका की दूधमुंही बच्ची जग गई होगी इसलिए कमरे से बाहर आई। एक घंटे बाद नारायण के कमरे में टीवी बंद हो गया और कमरे के बाहर की लाइट चालू हो गई। राजू कुम्हार को प्रकाश ने दीवार फ ांदकर जाते देखा था लेकिन परिवार की बदनामी के कारण अगले दिन बंशीलाल को यह नहीं बताया। फिर बताया तो संदेह पर बंशीलाल ने पुत्रवधू और उसके प्रेमी पर हत्या का अंदेशा जताया। पुलिस ने दोनों को बुलाकर कड़ाई से पूछताछ की तो अपराध कबूल लिया।