उदयपुर . यदि आप बौद्धिक सम्पदा अधिकार से बिजनेस के लिए मोनोपॉली बनाते हैं तो आप प्रतिस्पर्धी कम्पनियों को अपने व्यवसायिक क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक सकते हैं। व्यवसाय के लिए कानूनन ट्रेड मार्क जरूरी नहीं है, लेकिन अपने ब्रांड को प्रोटेक्ट करने के लिए ट्रेड मार्क का रजिस्ट्रेशन जरुर कराएं।
यह जानकारी आईपीआर अटॉर्नी डॉ. रोहित जैन ने यूसीसीआई में दी। उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री
Ucci की ओर से एमएसएमई विकास संस्थान जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में यूसीसीआई भवन में ‘एमएसएमई हेतु बौद्धिक सम्पदा अधिकारÓ विषय पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सेमिनार में देश की बौद्धिक सम्पदा अधिकार से जुड़ी प्रमुख फर्म ट्रेड इनोवेशन सर्विसेज जयपुर के आईपीआर अटार्नी डॉ. रोहित जैन मुख्य वक्ता थे। शुरुआत में यूसीसीआई अध्यक्ष रमेश कुमार सिंघवी ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों का यूसीसीआई में स्वागत करते हुए बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के प्रति सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को जागरूक रहने की सलाह दी। अध्यक्ष सिंघवी ने पेटेन्ट और ट्रेडमार्क के सम्बन्ध में किसी विवाद के पैदा होने की स्थिति से बचने के लिए अपने आविष्कार अथवा ब्रांड का पहले से आईपी में रजिस्टर करवाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रदीप ओझा ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए आईपीआर के लिए सरकारी अनुदानए पेटेन्ट एवं भौगोलिक सूचकों के बाबत पुनर्भरण प्राप्त करने की सरकारी योजनाओं तथा इसमें सहायता प्रदान करने वाली एजेन्सियों के बारे में जानकारी दी। प्रदीप ओझा ने सेमिनार में मौजूद प्रतिभागियों को बताया कि वे अपने उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए इसका विपणन करने के साथ-साथ ट्रेड मार्क अथवा कॉपीराइट के द्वारा संरक्षित कर सकते हैं।
एमएसएमई विकास संस्थान जयपुर के उपनिदेशक प्रदीप ओझा ने एमएसएमई मंत्रालय की क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सबसिडी स्कीम, जेड सर्टीफिकेशन, एमएसई सीडीपी स्कीम क्लस्टर डेवलपमेन्ट, इनक्यूबेशन स्कीम, लीन मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेड मार्क, जीआई, प्रोक्योरमेंट एण्ड मार्केटिंग सपोर्ट स्कीम आदि के बारे में जानकारी दी।