उदयपुरPublished: Nov 08, 2023 10:05:32 am
Kirti Verma
Rajasthan News: उदयपुर शहर में कसारों की ओल कभी अलसुबह से देर रात तक ठक-ठक-ठक की आवाज से गूंजती थी। यह आवाज यहां बनने वाले पीतल और तांबे के बर्तनों की हुआ करती थी।
Rajasthan News: उदयपुर शहर में कसारों की ओल कभी अलसुबह से देर रात तक ठक-ठक-ठक की आवाज से गूंजती थी। यह आवाज यहां बनने वाले पीतल और तांबे के बर्तनों की हुआ करती थी। इस पर डिजाइन बनाने के लिए कारिगर हथोड़ों से पीटते हैं। अब यह सीमट कर कुछ घरों तक ही रह गई है। ऐसा पीतल के बर्तनों का चलन घटने और अन्य कारणों से हुआ है।