ताले लटके सबसेंटर्स वाले इलाकों की ग्रामीण एवं गर्भवती महिलाओं के हाल भी किसी से छिपे नहीं हैं। गगा, देवली , भंवरी, कमली , रामी, कला, देऊ, पुष्पा सहित अन्य जगहों की पड़ताल के दौरान गर्भवती महिलाओं ने बताया कि पहले तो डिलेवरी के समय एएनएम आती थी। उचित सलाह के साथ उपचार भी मिल जाता था, लेकिन अब उन्हें मामूली सलाह के लिए भी 12 किलोमीटर दूर लसाडिय़ा जाना पड़ता है। कई बार चिकित्सालय पहुंचने से पहले ही महिलाओं के प्रसव हो जाता है।
पत्रिका संवाददाता ने पड़ताल की तो सामने आया कि 5 ग्राम पंचायतों के सात सब सेंटर में एक मात्र रेल मऊड़ी सब सेंटर और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कालीभींत पर एक-एक एएनएम की सेवाएं ग्रामीणों को मिल रही हैं। सबसेंटर वाली एएनएम को तीन अन्य सेंटर्स की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी दी हुई है। खामियों के बीच सबसेंटर पर एएनएम नहीं होने से प्रधानमंत्री मातृत्व दिवस पर प्रसूताओं को टीकाकरण के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। गर्भवती और प्रसूताओं को कालीभींत पीएचसी आना पड़ रहा है।
सब सेंटर्स पर ताले लटके होने से आम गर्भवती महिलाओं को समय पर प्राथमिक उपचार नहीं मिल रहा। लंबी दूरी तय करने के बाद भी कई बार पीएचसी पर चिकित्सक नहीं मिलते। मजबूरी में ग्रामीण लोग नीम-हकीम की शरण लेते हैं। वीरम मीणा, सरपंच ग्राम पंचायत भरेव
कार्मिकों की कमी से कई सब सेंटर पर ताले लटके हैं। जिला कलक्टर, उपखण्ड अधिकारी के अलावा विभाग को नियुक्ति के लिए लिख रखा है। कुछ जगहों पर हुई प्रतिनियुक्ति को निरस्त कराने के लिए भी लिखा है। भरेव सब सेंटर पर चोरी होने से दवा बिखरी है। ताला लगवा देंगे। डॉ. संकेत जैन, बीसीएमओ, लसाडिय़ा
लसाडिय़ा क्षेत्र में एएनएम की नियुक्ति के लिए सरकार को लिखा है। भर्ती प्रक्रियाधीन है। एएनएम की नियुक्ति के प्रयास जारी हैं। लसाडिय़ा क्षेत्र की कोई एएनएम प्रतिनियुक्ति पर नहीं है। वहां पहले से कमी चल रही है।
डॉ. दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ, उदयपुर