छेत्री ने किसी भी क्षेत्र में सफल रहने के लिए हार्ड वर्क और फिटनेस के योगदान को रेखांकित करते कहा कि खेलों में तो इनका महत्व वैसे भी बहुत अधिक होता है। यहां शॉर्टकट नहीं चलते। किस्मत से मौके मिल सकते हैं, लेकिन मौके बनाने के लिए मेहनत का कोई सानी नहीं है। एक कामयाब खिलाड़ी के लिए अनुशासन, पूरी नींद, संतुलित और पौष्टिक आहार तथा फिटनेस के लिए जिमिंग कॉम्बिनेशन फॉर्मूला निहायत जरूरी है। ज्यादातर लोग जीवन की मौज-मस्ती के फंडे में फिट एन फाइन रहना भूल जाते हैं। यही सबसे बड़ी गलती है, जो कामयाबी की राह में बाधा है। बेहतर लोगों के बीच रहने और बेहतर सोच (कमिटमेंट) रखने से ही कामयाबी का मार्ग प्रशस्त होता है। आईपीएल इसका बढिय़ा उदाहरण है। इस क्रिकेट प्रतियोगिता में देश-दुनिया के नामचीन खिलाडिय़ों के साथ खेलकर ही आज भारतीय टीम के कई खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में छेत्री कहते हैं किसी जमाने में हमारी क्रिकेट टीम भी विश्व की दूसरी टीमों के मुकाबले कमजोर नजर आती थीं। समय के साथ सुविधाएं और प्रोत्साहन पाकर आज क्रिकेट टीम का स्तर कितना ऊंचा हो चुका है। इस अकादमी के 40 चयनित बच्चों में पांच भी इस मंच से अपने बूते कुछ कर दिखा गए तो बड़ी कामयाबी होगी। हालांकि, पिछले दस वर्षों में देश में फुटबॉल खेल का स्तर बहुत ऊंचा हुआ है। आगे उन्होंने कहा यह सच है कि इस खेल में हम विश्व के दूसरे कई राष्ट्रों के मुकाबले कमजोर हैं। फिर भी केवल सरकार का मुंह ताकने अथवा कोसते रहने से कुछ नहीं होगा। हम सभी को आगे आकर इस खेल को लोकप्रिय बनाने के लिए जतन करने होंगे। फिर हमें इस खेल की महाशक्ति बनने से कोई कैसे रोक पाएगा।