आज शाम तक पहुंचेगी पार्थिव देह
शहीद की पार्थिव देह कश्मीर से विशेष विमान से सुबह दिल्ली पहुंचेगी। पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। दिल्ली से जोधपुर और वहां से ब्यावर डाक बंगले जाएगी। वहां शहीद स्मारक ले जाया जाएगा। फिर सडक़ मार्ग से पार्थिव देह शेखावास पहुंचेगी। राजसमंद पहुंचेगी, इसका समय अभी नहीं बताया गया है, लेकिन संभवतया शुक्रवार तक पार्थिव गांव पहुंचेगी।
शहीद की पार्थिव देह कश्मीर से विशेष विमान से सुबह दिल्ली पहुंचेगी। पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। दिल्ली से जोधपुर और वहां से ब्यावर डाक बंगले जाएगी। वहां शहीद स्मारक ले जाया जाएगा। फिर सडक़ मार्ग से पार्थिव देह शेखावास पहुंचेगी। राजसमंद पहुंचेगी, इसका समय अभी नहीं बताया गया है, लेकिन संभवतया शुक्रवार तक पार्थिव गांव पहुंचेगी।
पूरा परिवार सीमा पर
पिता मांगू काठात सेना से रिटायर्ड हवलदार और भाई हवलदार इकबाल काठात कश्मीर में तैनात है। मसूदा (अजमेर) निवासी ससुर भंवरू काठात भी सेना से रिटायर्ड है। चाचा लतीफ काठात भी एएमजी (मेडिकल कोर) में तैनात हैं। चचेरा भाई पीरू काठात भी परवेज के साथ ही बटालियन में तैनात है, जो इन दिनों छुïिट्टयों पर घर आया हुए हैं। परवेज के जीजा इमरान काठात निवासी (रावली का बाडिय़ा) मसूदा भी सेना में हैं, जो पार्थिव देह के साथ लौट रहे हैं। वह भी परवेज के साथ बटालियन में कार्यरत हैं।परिवार में मां शांति, पत्नी शहनाज और दो बहनें तनुजा और रुखसाना हैं। परवेज के दो संतानें हैं, जिसमें एक पुत्र जीसान (1) तथा बेटी रूबिया (4) है। पुत्री जन्म से ही मानसिक रूप से कमजोर है।
पिता मांगू काठात सेना से रिटायर्ड हवलदार और भाई हवलदार इकबाल काठात कश्मीर में तैनात है। मसूदा (अजमेर) निवासी ससुर भंवरू काठात भी सेना से रिटायर्ड है। चाचा लतीफ काठात भी एएमजी (मेडिकल कोर) में तैनात हैं। चचेरा भाई पीरू काठात भी परवेज के साथ ही बटालियन में तैनात है, जो इन दिनों छुïिट्टयों पर घर आया हुए हैं। परवेज के जीजा इमरान काठात निवासी (रावली का बाडिय़ा) मसूदा भी सेना में हैं, जो पार्थिव देह के साथ लौट रहे हैं। वह भी परवेज के साथ बटालियन में कार्यरत हैं।परिवार में मां शांति, पत्नी शहनाज और दो बहनें तनुजा और रुखसाना हैं। परवेज के दो संतानें हैं, जिसमें एक पुत्र जीसान (1) तथा बेटी रूबिया (4) है। पुत्री जन्म से ही मानसिक रूप से कमजोर है।