ऑटोमोबाइल ट्रेड के विद्यार्थियों के लिए स्थापित लैब में नवीनतम तकनीक पर काम करने का कौशल मिलेगा। मारुति सुजुकी ने करीब 30 लाख रुपए खर्च कर इसे विकसित किया है। इसमें
तमाम नई तकनीकी के इंजन, एक्सेसरीज और तकनीकी उपकरण लगाए गए हैं ताकि विद्यार्थी आज के दौर के अनुरूप सीख सकें। वर्तमान में इस ट्रेड में 80 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
तमाम नई तकनीकी के इंजन, एक्सेसरीज और तकनीकी उपकरण लगाए गए हैं ताकि विद्यार्थी आज के दौर के अनुरूप सीख सकें। वर्तमान में इस ट्रेड में 80 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
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डिजिटल लर्निंग
आईटीआई से प्रारम्भिक तौर पर मारुति सुजुकी ने 50, बॉश ने 70, सिक्योर मीटर ने 33 विद्यार्थियों का रोजगार के लिए चयन किया है। सिस्को कंपनी ने डिजिटल लर्निंग के लिए कक्षा तैयार करवाई है।
यहां पुराना ढर्रा
इलेक्ट्रिकल ब्रांच सबसे महत्वपूर्ण ब्रांच मानी जाती है, लेकिन इसे पुराने ढर्रे पर ही चलाया जा रहा है। हालांकि अनुदेशक व प्रधानाचार्य का कहना है कि इससे जुड़े करीब सात लाख रुपए के उपकरण मुख्यालय से मंगवा लिए हैं। इस ब्रांच में पुराने उपकरणों को लगा रखा है, जिससे मौजूद स्टाफ बेसिक जरूरत मानते हैं। हालांकि कई ऐसे उपकरण है जो आज बाजार में आम तौर पर आसानी से नजर नहीं आते।
डिजिटल लर्निंग
आईटीआई से प्रारम्भिक तौर पर मारुति सुजुकी ने 50, बॉश ने 70, सिक्योर मीटर ने 33 विद्यार्थियों का रोजगार के लिए चयन किया है। सिस्को कंपनी ने डिजिटल लर्निंग के लिए कक्षा तैयार करवाई है।
यहां पुराना ढर्रा
इलेक्ट्रिकल ब्रांच सबसे महत्वपूर्ण ब्रांच मानी जाती है, लेकिन इसे पुराने ढर्रे पर ही चलाया जा रहा है। हालांकि अनुदेशक व प्रधानाचार्य का कहना है कि इससे जुड़े करीब सात लाख रुपए के उपकरण मुख्यालय से मंगवा लिए हैं। इस ब्रांच में पुराने उपकरणों को लगा रखा है, जिससे मौजूद स्टाफ बेसिक जरूरत मानते हैं। हालांकि कई ऐसे उपकरण है जो आज बाजार में आम तौर पर आसानी से नजर नहीं आते।
जल्द ही ट्रेड बदलेंगे। ऑटोमोबाइल को तो बेहतर कर दिया गया है, जिनमें पुराने उपकरण है उन्हें बदलकर बेहतर करेंगे। कई निजी संस्थान और भी जोड़ेंगे जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके।
राजकुमार बागोरा, प्रधानाचार्य, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर