सार्वजनिक निर्माण विभाग ने अक्टूबर में जारी इस आदेश की पालना भी सुनिश्चित कर ली है। ऐसे में रजिस्ट्रेशन के लिए विचाराधीन आवेदनों को लेकर नया संकट आ गया है। संशोधन से पुराने ठेकेदार वर्तमान में जिस स्तर पर सेवाएं दे रहे हैं, उससे उनका आगे बढऩा मुश्किल हो गया है। गौरतलब है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों में कार्यक्षमता एवं जमा राशि के हिसाब से ठेकेदारों की योग्यता तय की हुई है। नोटबंदी, जीएसटी के बाद प्रदेश सरकार के नए फैसले ने बेरोजगारों की कमर तोड़ दी है। अब ठेकेदार पसोपेेेेश में हैैं।
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ए 2 लाख… 4 लाख बी 1 लाख… 2 लाख सी 50 हजार…1 लाख डी 25 हजार…50 हजार जो राशि वापस नहीं मिलेगी क्लास, पूर्व डूबत राशि, नई डूबत राशि
एए 10,000…30, 000 ए 7,500… 22,500 बी 5000… 15,000 सी 2,000…6,000 डी 1,000… 3,000 लागू हुए कायदे आदेश तिथि से ही विभाग में रजिस्ट्रेशन के लिए नई सुरक्षा राशि लागू हो गई है। पुराने ठेकेदार इस व्यवस्था से बाहर रहेंगे, जबकि यह कायदे नए रजिस्ट्रेशन पर लागू होंगे।
चंद्रमोहन राज माथुर, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी