पहले दिन कुल 9 सत्रों में 40 विशेषज्ञों ने सोरायसिस से जुड़े विभिन्न पहलुओं, उपचार के नए तरीकों, नए अनुसंधानों, उपकरणों आदि पर कई शोधपरक विचारों का आदान-प्रदान किया। पहले तीन सत्रों में जिनेटिक्स एंड सोरायसिस विषय पर विशेषज्ञों ने चर्म रोग में सोरयसिस की स्थिति, उपलब्ध और प्रचलित उपचार विधियों, इम्यूनो पैथेलॉजी, हिस्टोपैथोलॉजी, डायज्नोस्टिक मैथड्स को विस्तार से जाना। अमेरिका से डॉ. एसपी रायचौधरी, अर्जेंटीना के प्रो. एडवाडो माइसलर ने ऑडियो-विजुअल के माध्यमों से सोरायसिस के कारण, बदलते पैटर्न आदि पर प्रजेंटशन दिया। चौथे सत्र में सोरायसिस में विशेष ‘कंडीशंस’ मसलन नाखूनों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों में सोरायसिस की पहचान, उपचार की नई विधियों, जोड़ों पर सोरायसिस के असर आदि पर चर्चा-चिंतन के दौर चले। इजराइल से प्रो. आर्मन डी कोहेन, डॉ. स्मृति रायचौधरी, डॉ. सीमल देसाई के लाइव प्रजेंटेशन में विदेशों में सोरायसिस के उपचार के तौर तरीकों को जानने का मौका मिला।
READ MORE: video: एमपीयूएटी का 11वां दीक्षांत समारोह, 38 को मिला गोल्ड मैडल अंतिम सत्रों में मिथोट्रिक्सिट, साइक्लो स्पोटिन, एजाथायोप्रिन, माइक्रोफिनोलेट मोफेटिल जैसी नई क्रांतिकारी दवाइयों से सोरायसिस का उपचार करने, कई बीमारियों से जूझ रहे मरीजों में कॉम्बिनेशन के अनुप्रयोग से वांछित परिणाम प्राप्त करने आदि पर चर्चा हुई। एग्जाइमर लेजर पर डॉ. गिराल्डिन जैन, अल्ट्रावायलट लाइट थैरीपी पर डॉ. सीआर श्रीनिवासन ने कई महत्वपूर्ण उपचार टिप्स दिए। दिल्ली के विशेषज्ञ डॉ. विनयसिंह के वीडियो डमोस्ट्रेशन से दवाइयों को इंजेक्शन के माध्यम से देने के विभिन्न तरीकों की जानकारी मिली। भारत में सोरायसिस की नई दवाइयों की स्थिति, उपलब्धता, सुलभता, नीतिगत स्थिति पर भी नए विचार आए।