जानकारी के अनुसार लैम्पस व्यवस्थापक भूपेन्द्र दामा पुत्र गणेशलाल दामा व उसका मुनीम मशीन पर उपभोक्ता के दो-दो थंब इम्प्रेशन लेकर गेहूं का वितरण कर रहा था। कुछ महिला-पुरुषों ने निरक्षर होने के कारण अंगूठे लगा दिए, लेकिन डीलर पीओएस की पर्ची नहीं दे रहा था। उपभोक्ता के मोबाइल पर पहला मैसेज 20 किलो गेहूं का आया, जिसमें प्राप्ति दर्शाई गई थी। दूसरे मैसेज में 20 किलो शेष बताया गया। चंद मिनट बाद मिले तीसरे मैसेज में उक्त शेष गेहूं की प्राप्ति भी बता दी गई। इस पर उपभोक्ताओं ने आपत्ति दर्ज कराई। इन्होंने शेष 20 किलो गेहूं को लेकर सवाल किया।
जानकारी मिलने पर लैम्पस पहुंचा तो उपभोक्ताओं को गेहूं कम दिया जा रहा था। मैंने सवाल भी किया, लेकिन सन्तोषजनक जवाब नहीं दिया। इसकी जानकारी उदयपुर जिला कलक्टर, रसद विभाग व एमडी से की है।
दिलीपसिंह राणावत, अध्यक्ष, झाड़ोल लैम्पस
लैम्पस से राशन वितरण में मशीन पर दो-दो बार अंगूठे लगवाकर गेहूं दिया जा रहा है तो गलत है। मैसेज में दर्शाई मात्रा के अनुसार अनुसार गेहू वितरण करना चाहिए। गेहूं कम दिया है तो लैम्पस व्यवस्थापक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विजयसिंह, प्रवर्तन अधिकारी, रसद विभाग, उदयपुर