अधिकारों का प्रयोग कहीं अराजकता में न बदल जाए, इस पर चिंतन जरूरी: राज्यपाल
- सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में संविधान पार्क का शिलान्यास

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय की ओर से बनाए जाने वाले संविधान पार्क का ऑनलाइन शिलान्यास गुरुवार को राज्यपाल कलराज मिश्र ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अधिकारों एवं कर्तव्यों में संतुलन जरूरी है। अधिकारों का प्रयोग कहीं अराजकता में न बदल जाए इस पर चिंतन की जरूरत है। भारतीय संविधान की विश्व भर में अलग पहचान है। यह मानव अधिकारों का वैश्विक दस्तावेज है। राजस्थान के कला निष्णात कृपाल सिंह शेखावत ने संविधान की मूल प्रति में राजस्थानी कला का जो प्रतिनिधित्व किया है, वह राजस्थानी कला के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है।
विशिष्ट अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विनीत माथुर ने कहा कि संविधान पार्क छात्रों के साथ ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता कुलदीप माथुर ने कहा कि भारतीय संविधान में अब तक 104 संशोधन हो चुके हैं। यह कमजोरी नहीं बल्कि इस बात का प्रतीक हैं कि यह बदलाव लाने में सक्षम है। हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय जयपुर के कुलपति ओम थानवी ने संविधान सभा में राजस्थान के प्रतिनिधियों का जिक्र कर संविधान निर्मात्री सभा में राजस्थान के अविस्मरणीय योगदान की बात कही। कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने अतिथियों का स्वागत कर 90 लाख की लागत से पार्क तैयार होने की जानकारी दी। संचालन मुनमुन शर्मा एवं कुमुद पुरोहित ने किया। आभार प्रोफेसर अनिल कोठारी ने जताया।
अब पाइए अपने शहर ( Udaipur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज