मुख्य वक्ता जेल पुलिस महानिरीक्षक चेतन उपाध्याय ने कहा कि वैवाहिक जीवन को समग्र रूप से सेवा भाव से ही सुखमय में बनाया जा सकता है। जीवन के लिए सामाजिक शैक्षणिक समानता का होना आवश्यक है। इसमें 200 से ज्यादा विद्यार्थियों ने भाग लिया। राजस्थान महिला आयोग की पूर्व सदस्य सुषमा कुमावत ने बताया कि स्व की भावना को खत्म करना सीखें। प्रो. विजयलक्ष्मी चौहान ने कहा कि मानव संस्कृति के गतिशील रहने के लिए विवाह अनिवार्य संस्कार है। अध्यक्षता करते हुए प्रियंका जोधावत बताया कि स्वयं के लिए कुछ वक्त निकाले और आत्म अवलोकन करें यहां आपके रिश्तो में नई ऊर्जा का प्रवाह करेगा। चतुर्थ तकनीकी सत्र सौंदर्य व मेटा हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. स्वीटी छाबड़ा ने स्वास्थ्य को उन्नत करने का उपाय सुझाया।