वर्ष 2014 से 2017 तक बात की जाए तो सरकारी आईटीआई में पढ़े युवाओं को निजी क्षेत्र ने हाथों हाथ नौकरियां दी, हालांकि कुछ को सरकार ने भी सहारा दिया। विडम्बना है कि जनजाति अंचल को सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों से ही कुछ ज्यादा लाभ नहीं मिल पाया। उदयपुर जिले के 414 युवाओं ने रोजगार प्राप्त किया है।
READ MORE: video : दुनिया के खूबसूरत शहर उदयपुर में करेंगे न्यू ईयर का वेलकम, होटलों में हुई बुकिंग्स, दिखने लगी पर्यटकों की रौनक जो सूचना आती है, वह हम अपडेट करते हैं, हालांकि सरकारी संस्थानों में भी बच्चों को ले रहे हैं, कैंपस प्लेसमेंट के जरिए जिसे लेते है, वह तो हमें तत्काल पता चल जाता है, कई बार सभी जिलों की आईटीआई को ही सूचना नहीं मिलती, ऐसे में हमें सही आंकड़े नहीं मिल पाते।
ए.के. गुप्ता, संयुक्त निदेशक, तकनीकी शिक्षा निदेशालय (प्रशिक्षण)
ए.के. गुप्ता, संयुक्त निदेशक, तकनीकी शिक्षा निदेशालय (प्रशिक्षण)
करीब 22 हजार नौकरियां
प्राविधिक शिक्षा निदेशालय, जोधपुर की ओर से प्रदेश में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में उक्त अवधि में प्रशिक्षित 21,791 युवाओं को रोजगार मिला, लेकिन इनमें से 19,718 युवाओं के लिए सरकारी द्वार बंद रहे तो निजी संस्थानों ने इनका स्वागत किया है।
प्राविधिक शिक्षा निदेशालय, जोधपुर की ओर से प्रदेश में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में उक्त अवधि में प्रशिक्षित 21,791 युवाओं को रोजगार मिला, लेकिन इनमें से 19,718 युवाओं के लिए सरकारी द्वार बंद रहे तो निजी संस्थानों ने इनका स्वागत किया है।
READ MORE: video: धर्मगुरु को स्कार्फ चढ़ाकर मांगी विश्व शांति की दुआ, तिब्बतियन लोगों ने मनाया विश्व मानवाधिकार दिवस सरकार ने केवल 10 फीसदी यानी 2073 युवाओं को ही नौकरियां दी है। प्रदेश में सर्वाधिक अजमेर के 3251 युवाओं ने नौकरियां प्राप्त की, जबकि कोटा के 3219 युवा रोजगार पाकर दूसरे स्थान पर रहे। जालौर जिले से न्यूनतम 5 युवाओं को रोजगार मिला है। उदयपुर जिले के 414 युवाओं ने रोजगार प्राप्त किया है।