जिला परिषद सभागार में हुई बैठक में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा आयोजक व प्रबुद्धजन शामिल हुए। वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने बैठक में अपील करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के कारण गत दो वर्षों तक जगन्नाथ रथयात्रा आयोजित नहीं हो पाई थी, शुक्रवार को इसे पूरी श्रद्धा और भावों के साथ पूरे उत्साह से आयोजित करें परंतु पूर्ण अनुशासन के साथ ही कानून एवं शांति व्यवस्था भी बनी रहे।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जंगा श्रीनिवास, दिनेश एमएन, संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, डीआईजी राजेन्द्र गोयल, आईजी हिंगलाजदान, जिला कलक्टर ताराचंद मीणा, एसपी मनोज कुमार व सुधीर जोशी ने प्रबुद्धजनों के साथ रथयात्रा के मार्ग और इसकी विविध परंपराओं व गतिविधियों के संबंध में विचार विमर्श किया।
जंगा श्रीनिवास ने रथयात्रा के दौरान शांति व्यवस्था में समन्वय स्थापित करनेे के लिए स्वयंसेवकों की सूची उपलब्ध कराने की बात कही और यात्रा को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए इस कार्य में सभी का सहयोग देने का आह्वान किया।
ड्रोन से भी रूट पर होगी पूरी निगरानी अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से विशेष सतर्कता बरतने के साथ ही निर्धारिट रूट पर पर्याप्त जाप्ता लगाया जाएगा, वहीं ड्रोन से निगरानी की जाएगी। बैठक में उप महापौर पारस सिंघवी, धर्मोत्सव समिति के अध्यक्ष दिनेश मकवाना, जगन्नाथधाम सेक्टर सात समिति के संरक्षक प्रदीप कुमावत, राजेन्द्र श्रीमाली, कमलेन्द्र सिंह पंवार, जिला परिषद सीइओ मयंक मनीष, एडीएम ओपी बुनकर व प्रभा गौतम मौजूद थी।
रथ यात्रा को लेकर ये छूट भी दी - राज्य में डीजे पर प्रतिबंध के कारण रथयात्रा में 4 बैण्डों की अनुमति रहेगी। - रथयात्रा में अलग-अलग समाजों द्वारा 15 झांकियों को भी निकाला जाएगा।
- रूट में 15 स्थानों पर श्रद्धालुओं द्वारा आरती भी की जाएगी। मुस्लिम समाज के प्रबुद्धजनों के साथ बैठक हुई शहर में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की दृष्टि से इससे पूर्व जिला परिषद सभागार में ही मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्धजनों की बैठक हुई। अधिकारियों ने वर्तमान हालातों को देखते हुए शहर की शांति परंपरा को बरकरार रखने के लिए समन्वित सहयोग का आह्वान किया। प्रशासन व पुलिस ने सभी धर्मप्रेमियों से साम्प्रदायिक सौहाद्र्र की भावना बनाए रखते हुए कानून व शांति व्यवस्था की पालना की अपील भी की।
आज भी कर्फ्यू जारी रहेगा रथयात्रा के रूट को छोडकऱ बाकी शहर में शुक्रवार को भी कर्फ्यू जारी रहेगा। इधर, शहर में लागू कर्फ्यू की पालना सख्ती से नहीं हो रही है, शहर में सुबह से शाम तक सडक़ों पर लोगों की आवाजाही हो रही है।
दो साल बाद आज भगवान जगन्नाथ पहुंचेंगे भक्तों के बीच उदयपुर. जगन्नाथ रथयात्रा समिति उदयपुर की ओर से 1 जुलाई को निकलने वाली जगन्नाथ रथयात्रा पूरे हर्षोल्लास व भक्तिभाव के साथ निकाली जाएगी। इसके लिए जगन्नाथ रथयात्रा समिति व सभी संगठनों की ओर से तैयारियां पूर्व में की जा चुकी हैं। समिति के संयोजक दिनेश मकवाना ने बताया कि भगवान जगन्नाथ स्वामी 21 फीट ऊंचे नवनिर्मित चांदी के रथ में विराजित होकर नगर में भ्रमण पर निकलेंगे। जगदीश चौक से रथ यात्रा शुरू होगी। रथ यात्रा में 100 से अधिक समाज एवं संगठनों की भागीदारी रहेगी। नए रजत रथ को भक्तों द्वारा खींचा जाएगा, भक्तजन पारंपरिक धोती, कुर्ता, पाग धारण करेंगे। साथ ही रथयात्रा मार्ग में प्रसाद जलपान एवं खाद्य वस्तुओं के लिए प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया जाएगा। दोपहर 2 बजे मंदिर के अंदर पारंपरिक रथयात्रा, शाम 4 बजे शहर भ्रमण पर निकलेगी। ठीक 4 बजे मेवाड़ प्रताप दल के 21 सदस्यों द्वारा बंदूकों से सलामी दी जाएगी, तत्पश्चात रथ यात्रा प्रारंभ होगी।
नंदीघोष पर आरूढ़ होकर दर्शन देंगे भगवान जगन्नाथ
इधर, जगन्नाथ धाम सेक्टर-7 से भगवान जगन्नाथ नन्दीघोष रथ पर आरूढ़ होकर शुक्रवार दोपहर 2.15 बजे भक्तों को दर्शन देने उपनगरीय क्षेत्र में भ्रमण पर निकलेंगे। रथ यात्रा का शुभारम्भ मंदिर प्रांगण में चांदी के झाडू से मार्जन कर किया जाएगा तथा शंख चूड़ रस्सी से भक्तजन इस रथ को खींच सकेंगे। रथ यात्रा व महाआरती के संयोजक डॉ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि जगन्नाथ धाम सेक्टर-7 से 15वीं रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा, बलभद्र एवं सुदर्शन की मंदिर में प्रतिष्ठित महादारू (काष्ठ) की प्रतिमाएं रथ में आरूढ़ होकर उप नगरीय क्षेत्र में भ्रमण पर निकलेगी तथा यह रथ यात्रा सर्वधर्म सम्भाव व “सर्वे भवन्तु सुखीना” के ध्येय वाक्य को लेकर व सामाजिक समरसता व समस्वरता के साथ निकाली जाएगी। समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि रथ यात्रा जगन्नाथ धाम, सेक्टर-7 से दोपहर 2.15 बजे प्रारम्भ होगी। महाआरती 21121 दीपों से की जाएगी।
इधर, जगन्नाथ धाम सेक्टर-7 से भगवान जगन्नाथ नन्दीघोष रथ पर आरूढ़ होकर शुक्रवार दोपहर 2.15 बजे भक्तों को दर्शन देने उपनगरीय क्षेत्र में भ्रमण पर निकलेंगे। रथ यात्रा का शुभारम्भ मंदिर प्रांगण में चांदी के झाडू से मार्जन कर किया जाएगा तथा शंख चूड़ रस्सी से भक्तजन इस रथ को खींच सकेंगे। रथ यात्रा व महाआरती के संयोजक डॉ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि जगन्नाथ धाम सेक्टर-7 से 15वीं रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा, बलभद्र एवं सुदर्शन की मंदिर में प्रतिष्ठित महादारू (काष्ठ) की प्रतिमाएं रथ में आरूढ़ होकर उप नगरीय क्षेत्र में भ्रमण पर निकलेगी तथा यह रथ यात्रा सर्वधर्म सम्भाव व “सर्वे भवन्तु सुखीना” के ध्येय वाक्य को लेकर व सामाजिक समरसता व समस्वरता के साथ निकाली जाएगी। समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि रथ यात्रा जगन्नाथ धाम, सेक्टर-7 से दोपहर 2.15 बजे प्रारम्भ होगी। महाआरती 21121 दीपों से की जाएगी।