
जगदीश मंदिर में दोपहर 2 बजे के करीब पहले पारंपरिक रथयात्रा निकाली गई। इसमें भगवान को परंपरागत रथ में सवार करा कर मंदिर की परिक्रमा लगाई गई। फिर शाम 4 बजे विधि-विधान से प्रभु को निज मंदिर से पुजारी परिवार बाहर लाया। प्रभु का पुष्पा वर्षा से स्वागत किया गया। भजन-कीर्तन पर झूमते-गाते पुजारी परिवार के सदस्यों ने रथ को मंदिर से बाहर निकाला और फिर 95 किलो चांदी से जडि़त रथ रथ में विराजित कराया गया। इसके बाद रथयात्रा को मंदिर की परिक्रमा कराई गई। मार्ग में बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात किए गए। प्रदेश के पुलिस के आला अधिकारी भी साथ थे। उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड के चलते इस बार रथयात्रा पर विशेष गिगरानी रखी गई। कर्फ्यू के बीच रथयात्रा रूट पर विशेष छूट दी गई।
नंदीघोष पर आरूढ़ होकर निकले प्रभु, 21 हजार दीयों से महाआरती जगन्नाथ धाम सेक्टर-7 से भगवान जगन्नाथ नंदीघोष रथ पर आरूढ़ होकर शुक्रवार दोपहर 2.15 बजे भक्तों को दर्शन देने उपनगरीय क्षेत्र में भ्रमण पर निकले। रथ यात्रा का शुभारम्भ मंदिर प्रांगण में चांदी के झाडू से मार्जन कर किया गया तथा शंख चूड़ रस्सी से भक्तजनों ने इस रथ को खींचा। रथ यात्रा जगन्नाथ धाम, सेक्टर-7 से जड़ाव नर्सरी, सविना , कृषि मंडी गेट , रेती स्टेण्ड , आवरीमाता आदि मार्गों से होते हुए मंगलेश्वर महादेव मंदिर तिराहा पहुंची 21121 दीयों से महाआरती की गई। इसके बाद झूलेलाल भवन सेक्टर 4 , अंकुर काॅम्प्लेक्स गली, प्रभात नगर होते हुए वापस सेक्टर-7 पहुंची।