पहिया रो रथड़ो बनायो… जगदीश मंदिर में वर्षभर भजन गाने वाले श्रद्धालुओं ने डीजे की धुन पर पारंपरिक भजन गाए। इन भजनों से श्रद्धालुओं की उल्लास बढ़ रहा था।परिक्रमा में निकली पारंपरिक रथयात्रा दोपहर करीब २.१० बजे ठाकुरजी का पारंपरिक रथ मंदिर परिक्रमा में उतरा। भजनों और मंत्रोच्चार के बीच रथ में राधा-कृष्ण की जुगल जोड़ी और लालन विराजित हुए। रथयात्रा का विश्राम सूर्य भगवान की देवरी पर हुआ। यहां सूर्य भगवान के अश्वों की पूजा कर उन्हें मूंग और चने का भोग लगाने के साथ ही भगवान को ऋतु फल आम, जामुन, केले आदि का भोग लगाया गया। पूरी परिक्रमा के भ्रमण कर ठाकुरजी पुन: मंदिर में पधारे। आरती के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।