scriptWatch : प्रभु को अपने बीच पाकर निहाल हुए श्रद्धालु, रथयात्रा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब | Jagannath Rathyatra In Udaipur | Patrika News

Watch : प्रभु को अपने बीच पाकर निहाल हुए श्रद्धालु, रथयात्रा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

locationउदयपुरPublished: Jul 05, 2019 01:44:19 pm

Submitted by:

madhulika singh

– शहर में रही जगन्नाथ Jagannath Rathyatra स्वामी के जयकारों की गूंज, प्रभु के स्वागत-सत्कार का घंटों किया इंतजार

lord jagannath

Watch : प्रभु को अपने बीच पाकर निहाल हुए श्रद्धालु, रथयात्रा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

उदयपुर . मेवाड़ के आराध्य भगवान जगन्नाथ Lord Jagannath स्वामी गुरुवार को गगनभेदी जयकारों के बीच शाही लवाजमे के साथ नगर भ्रमण करते हुए अपने भक्तों को दर्शन देने निकले तो भीतरी शहर का माहौल धर्ममय हो गया। राह में टिकटिकी लगाए खड़े एवं छतों-अटारियों में बैठे श्रद्धालु प्रभु को अपने बीच पाकर निहाल हो गए, उन्होंने पुष्प एवं गुलाल वर्षा कर उनका सत्कार किया। इससे पूर्व शाम को प्रभु जगन्नाथ स्वामी का विग्रह रूप जब मंदिर Jagdish Temple से बाहर आया तो जगदीश मंदिर एवं चौक में खड़े हजारों श्रद्धालुओं ने हाथ उठाकर हाथी-घोड़ा-पालकी, जय कन्हैयालाल की…, जगन्नाथ स्वामी की जय…, मोर मुकुट बंसी वाले की जय… सहित विभिन्न जयकारों से उनका अभिनंदन किया। शंखनाद की ध्वनि के बीच ठाकुरजी को पुजारी हाथ में झुलाते हुए मंदिर की सीढि़यों से नीचे लाए। इस दौरान श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। अपने आराध्य की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु लालायित दिखाई दिए। भगवान जगदीश सहित लक्ष्मीजी और दाणीरायजी रथ में बिराजे। रथ को पर्दे से ढककर पुजारियों ने ठाकुरजी का शृंगार किया। पर्दा हटने के साथ ही भगवान जगन्नाथ के जयकारे पुन: गूंजने लगे। इसी बीच प्रभु की आरती उतारी गई और भक्तों पर केसरयुक्त जल का छिड़काव किया गया। इसके बाद मेवाड़ राजघराने के विश्वराज सिंह मेवाड़ ने रथ को खींचकर रथयात्रा Jagannath Rathyatra शुरू करने की परंपरा का निर्वहन किया। भगवान जगदीश का रथ जगदीश चौक से रवाना होने के साथ ही नानी गली से ही ठाकुरजी की आरती की परंपरा शुरू हो गई। मार्ग में कई मंदिरों और समाजों ने प्रभु की आरती उतारकर उनकी अगवानी की।
पहिया रो रथड़ो बनायो… जगदीश मंदिर में वर्षभर भजन गाने वाले श्रद्धालुओं ने डीजे की धुन पर पारंपरिक भजन गाए। इन भजनों से श्रद्धालुओं की उल्लास बढ़ रहा था।परिक्रमा में निकली पारंपरिक रथयात्रा दोपहर करीब २.१० बजे ठाकुरजी का पारंपरिक रथ मंदिर परिक्रमा में उतरा। भजनों और मंत्रोच्चार के बीच रथ में राधा-कृष्ण की जुगल जोड़ी और लालन विराजित हुए। रथयात्रा का विश्राम सूर्य भगवान की देवरी पर हुआ। यहां सूर्य भगवान के अश्वों की पूजा कर उन्हें मूंग और चने का भोग लगाने के साथ ही भगवान को ऋतु फल आम, जामुन, केले आदि का भोग लगाया गया। पूरी परिक्रमा के भ्रमण कर ठाकुरजी पुन: मंदिर में पधारे। आरती के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।
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