साम्प्रदायिक सद्भाव भी जगदीश चौक में जन्मे इकबाल खान लम्बे समय से रथयात्रा से जुड़े हुए हैंं जो साम्प्रदायिक सद्भाव की एक अलग मिसाल है। वे धर्मोत्सव समिति कार्यकर्ता के रूप में रथयात्रा व्यवस्था संभालते हैं। जिसमें झांकियों को क्रमबद्ध करवाना, रथयात्रा में भक्तों को प्रसाद वितरण की व्यवस्था करना आदि कार्य शामिल हैं।इनके अलावा कैलाश सोनी, लाला वैष्णव सहित रथ समिति के राजेन्द्र श्रीमाली ने बताया कि वे भी मंदिर से पारम्परिक रथ के नगर भ्रमण के इस आयोजन से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि आज यह रथयात्रा किसी एक संगठन का नहीं बल्कि पूरे हिन्दू समाज के बडे़ त्यौहार जैसा आयोजन बन गया है। भगवान जगन्नाथ की पारम्परिक रथयात्रा में लोगों का उत्साह बढने के साथ ही कुछ वर्ष बाद भक्तों के सहयोग से ठाकुरजी के लिए रजत रथ निमार्ण करवाया गया। पहली बार 12 जुलाई 2002 को प्रभु जगन्नाथ को रजत रथ में विराजित कर नगर भ्रमण पर निकाला गया। गोविन्द सोनी ने बताया कि साल 2002 में रजत रथ यात्रा में पहली बार सोनी समाज की ओर से साउंड सिस्टम लगाया। बाद में कई संगठनों के साउंड सिस्टम जुड़ते गए। रथयात्रा के बढ़ते कारवां के साथ इस बार समाज के ठाकुरजी का रजत रथ भी शामिल होगा।