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उदयपुर के जगदीश मंदिर में 11, अस्थल में 12 को मनेगी जन्माष्टमी

locationउदयपुरPublished: Aug 10, 2020 10:53:30 pm

Submitted by:

madhulika singh

जन्माष्टमी : इस बार कोरोना के कारण नहीं होगा मटकी फोड़ उत्सव, घरों में रहकर ही श्रद्धालु मनाएंगे त्योहार

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उदयपुर. भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी पर्व 12 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार अष्टमी तिथि दो दिन 11 और 12 अगस्त को विद्यमान रहेगी। ऐसे में अष्टमी तिथि 11 अगस्त मंगलवार सुबह 9 बजकर 6 मिनट से शुरू हो जाएगी और 12 अगस्त सुबह 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। हालांकि अधिकांश पंचांग में इसके लिए 12 अगस्त की तारीख तय की गई है। वहीं, उदयपुर में जन्माष्टमी का पर्व जगदीश मंदिर में 11 को और अस्थल मंदिर में 12 को मनाया जाएगा। लेकिन, हर बार की तरह इस बार ना मटकी फोड़ होगा और ना ही श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे। कोरोना महामारी के कारण इस बार उत्सव सादगी से घरों में ही मनाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य पं. जितेंद्र त्रिवेदी (जोनी) ने बताया कि जिस दिन सूर्य जिस तिथि में उदित होता है उसी तिथि को महत्व दिया गया है तथा भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र वृषभ राशि के चंद्रमा में हुआ था अत: इससे स्पष्ट होता है कि चंद्रमा बुधवार को वृषभ राशि का रहेगा साथ ही कृतिका के ऊपर मध्यरात्रि के बाद में रोहिणी नक्षत्र का प्रवेश होगा। अत: अष्टमी तिथि बुधवार को ही मान्य है। कोई मत अंतर के हिसाब से मंगलवार को भी अष्टमी तिथि दी गई है, लेकिन उस दिन चंद्रमा मेष राशि का ही रहेगा। अत: कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत मान्य नहीं है। साथ ही षष्ठी व शीतला सप्तमी का व्रत व त्योहार 9 व 10 अगस्त को मनाया जाएगा क्योंकि यह व्रत वह त्योहार चंद्रमा के उदित तिथि के हिसाब से मनाया जाता है। पंडितों के अनुसार, बुधवार रात 12.05 बजे से 12.47 बजे तक पूजा की जा सकती है।

जगदीश में 12 को नंदोत्सव

पुजारी पं. हुक मराज रामगोपाल पुजारी ने बताया कि जगदीश मंदिर में जन्माष्टमी 11 अगस्त मंगलवार को मनाई जाएगी। इसमें प्रात:काल मंगला आरती 5.30 बजे होगी और ठाकुरजी को पंचामृत स्नान कराया जाएगा। उसके बाद भगवान को केसरिया वस्त्र धारण करवाए जाएंगे व अमरशाही पाग का विशेष शृंगार धराया जाएगा। संध्या आरती 7.30 बजे होगी। रात 12.30 बजे भगवान श्रीकृष्ण का लालन प्रभु का जन्मोत्सव होगा व उनके पालने में दर्शन होंगे। पुजारी परिवार के द्वारा ही महोत्सव मनाया जाएगा। 12 अगस्त को दोपहर 12.30 बजे से 3 बजे तक नंद महोत्सव मनाया जाएगा।

अस्थल में नहीं सजेगी झांकियां
अस्थल आश्रम के महंत रासबिहारी शरण शास्त्री ने बताया कि कोरोना संकट के चलते सरकार की ओर से मंदिर व धार्मिक स्थानों को सर्वजन हेतु खुलने पर प्रतिबंध होने के कारण इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के तहत अस्थल मंदिर में आयोजित प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष चलित झांकियां एवं सजावट कार्य व आमजन के लिए दर्शन स्थगित रहेंगे। 12 अगस्त को प्रात: भगवान द्वारकाधीश का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा व रात्रि को भगवान का 12 बजे जन्म के पश्चात आरती व प्रसाद वितरण किया जाएगा।
श्रीनाथजी में 12 को जन्माष्टमी और 13 को नंदोत्सव

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रीनाथजी मंदिर, नाथद्वारा में इस बार कोविड-19 की गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए मनाया जाएगा। वहीं, मंदिर में सेवाक्रम परंपरानुसार रहेगा। इस दिन परम्परानुसार 12 अगस्त की रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म पर रिसाला चौक में 21 तोपों की सलामी दी जाएगी । इस दौरान निषेधाज्ञा के कारण लोगों को इक_ा नहीं होने दिया जाएगा। नन्दमहोत्सव पर्व 13 अगस्त को मनाया जाएगा।
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