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आइएएस प्रशिक्षु अधिकारियों ने किया झीलों का निरीक्षण

locationउदयपुरPublished: Jul 15, 2019 01:32:51 pm

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Pramod pramod soni

picholaआइएएस प्रशिक्षु अधिकारियों ने किया झीलों का निरीक्षण- पर्यावरणीय ऑडिट पर की चर्चा- झीलों पर उठाए प्रश्न

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आइएएस प्रशिक्षु अधिकारियों ने किया झीलों का निरीक्षण

प्रमोद सोनी / उदयपुर. सिविल सेवा परीक्षा में चयनित इंडियन ऑडिट एन्ड अकॉन्ट्स सर्विसेस (आईएएएसए) के प्रशिक्षु अधिकारियों ने झीलों का निरीक्षण किया। ये प्रशिक्षु अधिकारी सीएजी (कैग) के सेंटर फ ॉर एनवायरमेंट व सस्टेनेबल डवलपमेंट की ओर से उदयपुर पहुंचे। झील संरक्षण समिति तथा हरीशचंद्र माथुर लोक प्रशिक्षण संस्थान ओटीसी की ओर से आयोजित फ ील्ड ऑरिएंटेशन कार्यक्रम में अधिकारियों ने झीलों का भ्रमण कर पर्यावरणीय ऑडिट के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने झीलों में लोग कचरा क्यों फेंंकते है, सीवर लाइन होने के बावजूद झीलों में गंदा पानी कैसे आ रहा है, पहाड़ कटाई पर रोक के बावजूद पहाड़ क्यों कट रहे हैं, एक सौ पच्चीस करोड़ की झील संरक्षण योजना का पर्यावरणीय ऑडिट क्यों नहीं हुआ आदि कई सवाल उठाए।ओटीसी के अतिरिक्त निदेशक वेंकटेश शर्मा ने प्रशिक्षुओं से कहा कि पर्यावरणीय ऑडिट के लिए गणित से ज्यादा विज्ञान का ज्ञान जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसी भी नदी, झील, पर्यावरण संरक्षण योजनाओं के ऑडिट में अधिकारी केवल आउटपुट पर ही नजर नहीं रखे वरन यह सुनिश्चित करें कि आउटकम क्या रहा। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्वयं पर्यावरणीय योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण करें। इस दौरान झील संरक्षण समिति के डॉ तेज राजदान, डॉ. अनिल मेहता ने नदियों, झीलों के केचमेंट, जल प्रवाह मार्गों, जल भराव क्षेत्र, झील नदी पारिस्थितिकी के पहलुओं से अधिकारियों को बताया। झील विकास प्राधिकरण के सदस्य तेजशंकर पालीवाल तथा गांधी मानव कल्याण समिति के निदेशक नंदकिशोर शर्मा ने अधिकारियों से कहा कि संरक्षण परियोजनाओं के पूर्ण होने पर ही पर्यावरणीय ऑडिट नहीं करे बल्कि इनके प्रारंभ होने से लेकर समाप्ति तक निरंतर समीक्षा करें। इसमें आम नागरिकों व शोधकर्ताओं की राय को भी सम्मिलित करें।

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