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नरेगा मजदूरों को रोजगार देकर वापस छीना , जारी मस्टरोल वापस लेने पर महिलाओं का हंगामा

locationउदयपुरPublished: Jun 10, 2020 05:54:49 pm

Submitted by:

madhulika singh

मेनार ग्राम पंचायत में रोजगार देकर वापस छीन लेने का मामला सामने आया है

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मेनार. जिलेभर में कोरोना संकट काल में प्रवासियों के आने के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार बंद होने से नरेगा में श्रमिकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। स्थानीय गांवोंं में अन्य कार्यों के ठप होने के बाद अब ग्राम स्तर पर नरेगा से जुड़े कार्य ग्रामीणोंं के लिए वरदान साबित हो रहे हैंं । एक तरफ सरकार भी नरेगा में कार्य करने के लिए ग्रामीणोंं को अधिक से अधिक आवेदन देने की बात कर रही है वहींं ग्राम पंचायतेंं भी अपने स्तर पर प्रवासियों से संपर्क कर नरेगा में कार्य आवेदन करने की पहल कर रही है लेकिन भींडर पंचायत समिति की । मेनार ग्राम पंचायत के अंतगर्त नेशनल हाइवे 76 से हिंगलाज माता तक नरेगा में स्वीकृत ग्रेवल सड़क का निर्माण कार्य जारी था। 30 मजदूर रोजाना की तरह की काम करने पहुंंचे । मेट की उपस्थिति‍ में मिट्टी डालने का कार्य चल ही रहा था की दोपहर में सवा 12 बजे के करीब ग्राम विकास अधिकारी रामदीन मीणा और सरपंच प्रमोद कुमार मौके पर पहुंचे और मेट जगदीश भील से मस्टरोल मांगे और कहा कि‍ आगे से आदेश है यहां काम नहींं करना है । इस पर जब महिला मजदूरों ने बवाल कर दिया काम नहींं करने का जवाब मांगने पर भी मजदूरों को कोई सन्तोषप्रद जवाब नहींं दिया। इधर सूचना पर वार्ड पंच शंकर लाल मेनारिया सहित जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंंच गए। वार्ड पंच द्वारा मस्टरोल वापस देने और मजदूरों को रोजगार देने के नाम पर तीखी बहस हुई। महिलाओं ने आधे घण्टे तक बहस की फिर भी सचिव रामदीन मीणा मस्टरोल लेके वहां से चले गए । सभी मजदूर अधूरा काम छोड़कर कार्य स्थल से चले गए। मजदूरों का कहना है कि‍ हमारे नजदीक काम चल रहा है इस कारण हमने कार्य के लिए आवेदन किया है हम दूूसरी जगह काम करने क्योंं जाएं । मस्टरोल लेकर काम नहींं करने देने के बाद मजदूर निराश होकर वहां से चल दिए।
काम नही देने पर भत्ता देने का प्रावधान : किसी व्यक्ति द्वारा मनरेगा में रोजगार हेतु काम करने के आवेदन के 15 दिन के भीतर उक्त व्यक्ति को कार्य देने का प्रावधान है । अगर 15 दिन में पंचायत द्वारा रोजगार नही दिया जाता है तो बेरोजगारी भत्ता देने का नियम है। वही जिस व्यक्ति को रोजगार दे दिया है और मस्टरोल जारी हो चुका है उस निश्चित तिथि से पहले मस्टरोल लेने और काम को बीच में रोकने का कोई प्रावधान नही है। गौरतलब है कि एक तरफ लॉकडाउन में मनरेगा में सभी जगह काम चल रहा है। सरकार ने ऐसे संकट के समय में ग्रामीण भारत के मजदूरों को मनरेगा में काम देने की मंजूरी देकर इनकी जिंदगी पटरी पर लाने की कोशिश की है। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण मजदूरो की परेशानी खत्म होने का नाम नही ले रही है।
इनका कहना है :

हिंगलाज माता राेेड पर कार्य चल रहा था की दोपहर में सचिव रामदीन मीणा ने बिना किसी आदेश के काम रुकवा कर मजदूरों से मस्टरोल ले लिए जो गलत है । अगर मजदूरों को वापस मस्टरोल नही देने पर इसकी शिकायत हम उच्च अधिकारियों से करेंगे। अब बारिश में काम होगा नही अभी लॉकडाउन में जब मजदूरों को काम मिल रहा है वो भी जिम्मेदार लोगो द्वारा बन्द करवाया जा रहा है।
शंकर लाल मेनारिया , पूर्व उपसरपंच ग्राम पंचायत मेनार

किसी मोहन लाल मेनारिया नाम के व्यक्ति ने शिकायत की थी इस कारण काम रोक कर मेट से मस्टरोल ले लिए थे। काम रोकने का कोई स्थगन आदेश तो नही आया है सिर्फ शिकायत हुई है बीडीओ से बात कर वापस दे देंगे ।
रामदीन मीणा, ग्राम विकास अधिकारी , ग्राम पंचायत मेनार
ग्रामीणोंं द्वारा आवेदन करने पर हिंगलाज माता रोड पर 30 मजदूरोंं को 15 जून तक कार्य के लिए मस्टरोल जारी किए गए थे । काम रुकवाने की कोई जानकारी नहींं है ना ही ऐसा कोई आदेश आया है। मैैं और पता करता हूं।
रवि सोनी, रोजगार सहायक , ग्राम पंचायत मेनार
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