काम नही देने पर भत्ता देने का प्रावधान : किसी व्यक्ति द्वारा मनरेगा में रोजगार हेतु काम करने के आवेदन के 15 दिन के भीतर उक्त व्यक्ति को कार्य देने का प्रावधान है । अगर 15 दिन में पंचायत द्वारा रोजगार नही दिया जाता है तो बेरोजगारी भत्ता देने का नियम है। वही जिस व्यक्ति को रोजगार दे दिया है और मस्टरोल जारी हो चुका है उस निश्चित तिथि से पहले मस्टरोल लेने और काम को बीच में रोकने का कोई प्रावधान नही है। गौरतलब है कि एक तरफ लॉकडाउन में मनरेगा में सभी जगह काम चल रहा है। सरकार ने ऐसे संकट के समय में ग्रामीण भारत के मजदूरों को मनरेगा में काम देने की मंजूरी देकर इनकी जिंदगी पटरी पर लाने की कोशिश की है। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण मजदूरो की परेशानी खत्म होने का नाम नही ले रही है।
इनका कहना है : हिंगलाज माता राेेड पर कार्य चल रहा था की दोपहर में सचिव रामदीन मीणा ने बिना किसी आदेश के काम रुकवा कर मजदूरों से मस्टरोल ले लिए जो गलत है । अगर मजदूरों को वापस मस्टरोल नही देने पर इसकी शिकायत हम उच्च अधिकारियों से करेंगे। अब बारिश में काम होगा नही अभी लॉकडाउन में जब मजदूरों को काम मिल रहा है वो भी जिम्मेदार लोगो द्वारा बन्द करवाया जा रहा है।
शंकर लाल मेनारिया , पूर्व उपसरपंच ग्राम पंचायत मेनार किसी मोहन लाल मेनारिया नाम के व्यक्ति ने शिकायत की थी इस कारण काम रोक कर मेट से मस्टरोल ले लिए थे। काम रोकने का कोई स्थगन आदेश तो नही आया है सिर्फ शिकायत हुई है बीडीओ से बात कर वापस दे देंगे ।
रामदीन मीणा, ग्राम विकास अधिकारी , ग्राम पंचायत मेनार
रामदीन मीणा, ग्राम विकास अधिकारी , ग्राम पंचायत मेनार
ग्रामीणोंं द्वारा आवेदन करने पर हिंगलाज माता रोड पर 30 मजदूरोंं को 15 जून तक कार्य के लिए मस्टरोल जारी किए गए थे । काम रुकवाने की कोई जानकारी नहींं है ना ही ऐसा कोई आदेश आया है। मैैं और पता करता हूं।
रवि सोनी, रोजगार सहायक , ग्राम पंचायत मेनार
रवि सोनी, रोजगार सहायक , ग्राम पंचायत मेनार