दलदल में दफन होता ‘बाल मन’, प्रदेश में कम नहीं हुई बाल अपचार की घटनाएं
तकनीकी बेहतरी का कहीं बुरा असर भी

भुवनेश पंड्या/ उदयपुर . कम उम्र में अपराध की ओर मुखर हुआ बाल मन वास्तविक आभा खोकर धुंधला सा होता गया। समाज में समाई परम्पराओं की महक, स्नेह का पर्दा और सम्मान के दर्पण के इतर, बाल मन ऐसे आवरण में धंसता गया, जहां कालिमा लिपटी हुई थी। प्रदेश में कई बालकों के पैर अपचार के दलदल में फंसे। अब भी दिनों दिन ये संख्या कम नहीं होना चिंता का विषय है। पत्रिका ने टटोला एक सच, जो समाज की हर दिशा पर सवाल खड़े करता है। राज्य का कोई भी जिला ऐसे किशोरों में पनपने वाले अपचार को पूरी तरह नहीं रोक पाया। एक पड़ताल ...एक हकीकत।
दर्ज प्रकरण :
जिला -2014-15 -2015-16 -2016-17 -वर्ष 2017
उदयपुर- 175 -359- 252 -132
अलवर- 161-150-306- 228
बूंदी- 131 -119 -167- 145
बीकानेर- 86 -81- 112 -59
सीकर -73 -86- 56 -57
टोंक- 65- 82- 76- 67
पाली- 89- 122- 122 -143
झुन्झुनूं -62 -68- 102- 105
चूरू -61 -54- 78 -37
स.माधोपुर -151 -110- 172- 110
बाड़मेर- 74 -74 -80- 22
भीलवाड़ा- 95 -140-152 -90
नागौर -49 -79- 146- 140
बारां- 258 -224- 236- 250
हनुमानगढ़- 66 -56 -78 -67
जालोर -50 -42 -32 -23
राजसमन्द- 38 -34 -61- 43
भरतपुर -136 -237- 198- 197
जयपुर-.2 0 -0 -778- 314
दौसा -80 -93 -105 -70
कोटा -975-775 -507 -541
प्रतापगढ़ -48 -45- 45- 13
श्रीगंगानगर -133-180 -155 -132
सिरोही-46 -36 -38 -93
करोली -69 -65- 57 -69
जोधपुर -125 -151 -181 -236
डूंगरपुर -82- 155- 150- 59
बांसवाड़ा -63 -108- 65- 56
जैसलमेर- 70- 56- 19 -21
अजमेर- 115 -102- 148-100
चित्तौडगढ़़- 75- 85- 121- 45
जयपुर- 693 -937 -821 -882
धौलपुर- 65 -86 -39- 53
झालावाड़ -122 -114- 185 -193
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हमें समझना होगा कि आखिर हम कहां जा रहे हैं। जीवनचर्या में नियमित रूप से होने वाले बदलाव से यह समस्या उपजी है। अपचार की ओर बच्चे इसलिए ही बढ़ रहे है कि माता-पिता पूरा समय नहीं देते, या उन पर ध्यान नहीं। बच्चों के लिए फोन या नेट की उपलब्धता बड़ी परेशानी बनकर उभरी है। हमें बच्चों को फिर से खेल की ओर ले जाना होगा, हालात बिगड़ते जा रहे हैं, जल्द ही उन्हें संभालने की जरूरत है।
मनन चतुर्वेदी, अध्यक्ष राज्य बाल आयोग
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जल्द भरो पीईईओ केन्द्र पर लिपिक के रिक्त पद
- शिक्षक संघ की बैठक
उदयपुर . राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ की बैठक वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष शेरसिंह चौहान की अध्यक्षता में सुखाडिय़ा समाधि पर हुई। बैठक में प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों को हर पंचायत पर पीईईओ के अधीन कर दिया गया है, परंतु जिले के अधिकतर पीईईओ पर कनिष्ठ व वरिष्ठ लिपिक के पद खाली है जिससे शिक्षकों के वेतन व अन्य कार्य का सम्पादन समय पर नहीं हो रहा है। कई शिक्षकों को नवम्बर से लगाकर फरवरी तक के चार माह का वेतन व बकाया एरियर का भुगतान नहीं हो पाया है। संघ ने सभी पीईईओ केन्द्र पर लिपिकों के पद भरने तथा वर्तमान में माध्यमिक, आठवीं, पांचवीं बोर्ड तथा अन्य वार्षिक परीक्षाओं को मद्देनजर रखते हुए शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्त करने की मांग की है। शिक्षकों की कमी के बावजूद वर्तमान में कई शिक्षकों को बीएलओ के कार्य में झोंक रखा है। बैठक में जिलाध्यक्ष नवीन व्यास, सतीश जैन, महेन्द्र सिंह शक्तावत, मनोज मोची, राजेन्द्र सिंह समीजा सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी व शिक्षक मौजूद थे।
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