जगदीश मंदिर में गुरुवार सुबह 6 बजे मंगला आरती हुई। इसके बाद सुबह 7.15 बजे ज्येष्ठाभिषेक शुरू हुआ, जो 9.30 बजे तक चला। पंडितों ने पुरुषसुक्त, श्रीसुक्त और ज्येष्ठाभिषेक का पाठ किया। पुजारी हुकुमराज व रामगोपाल ने बताया कि ज्येष्ठाभिषेक में 251 लीटर दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, जल मिश्रण पंचामृत से ठाकुरजी को स्नान कराया गया। जल, केसर, चंदन, गुलाब जल व सात नदियों के पानी से दो घंटे तक ज्येष्ठाभिषेक हुआ इसके बाद ठाकुरजी को पूर्णिमा पर विशेष केशरिया वस्त्र, मोर मुकुट धारण करवाया गया। पुरुषसुक्त श्रीसूक्त का यशवंत श्रीमाली, पण्डित तुलसीराम, पीयूष भट्ट, आयुष भट्ट, महेंद्र नागदा ने पाठ किया। ठाकुरजी को आम व आम से बनी मिठाइयों का भोग धराया गया।
मान्यता है किमहा स्नान से भगवान अस्वस्थ हो जाते हैं, ऐसे में ठाकुरजी के दर्शन बंद कर दिए जाते हैं। भगवान 15 दिन के लिए विश्राम में रहेंगे। इस दौरान ठाकुरजी को औषधीय गुणों युक्त काढ़े का भोग लगाया जाएगा। भगवान को पूर्णतया स्वस्थ होने में लगभग पंद्रह दिन लगेंगे। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकम के दिन सुबह करीब 11 बजे भगवान का प्राकट्य होगा।
मान्यता है किमहा स्नान से भगवान अस्वस्थ हो जाते हैं, ऐसे में ठाकुरजी के दर्शन बंद कर दिए जाते हैं। भगवान 15 दिन के लिए विश्राम में रहेंगे। इस दौरान ठाकुरजी को औषधीय गुणों युक्त काढ़े का भोग लगाया जाएगा। भगवान को पूर्णतया स्वस्थ होने में लगभग पंद्रह दिन लगेंगे। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकम के दिन सुबह करीब 11 बजे भगवान का प्राकट्य होगा।
यहां भी हुआ शाही स्नान श्रीनाथजी
श्रीनाथ जी की हवेली स्थित श्रीनाथजी मंदिर में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सवेरे मंगला दर्शन में ठाकुरजी का ज्येष्ठाभिषेक (केसर स्नान) श्री सूक्त पाठ व मंत्रोच्चार के साथ हुआ। इसके लिए बुधवार को परंपरानुसार महेन्द्र सिंह मेवाड़ के समोर बाग स्थित श्याम कुंड से ठाकुरजी के स्नान के लिए विशेष जल सेवादार द्वारा लाया गया। शाही स्नान के बाद ठाकुरजी को विशेष शृंगार धराया गया व आम और अंकुरित अनाज का भोग लगाया गया। इस दौरान ठाकुरजी को लगभग 10 क्विंटल आम का भोग लगाया गया। इधर, सेक्टर 7 स्थित जगन्नाथ धाम में भी ठाकुर जी को स्नान कराया गया।
जगन्नाथ धाम जगन्नाथ धाम सेक्टर -7 के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि दोपहर 12 बजे भगवान जगन्नाथ स्वामी, बहन सुभद्रा, बलराम और सुदर्शन चक्र को गंगाजल, केसर, तुलसी, इत्र के मिश्रण से महास्नान करवाया गया। इसके बाद भगवान को आम का भोग लगाया गया। भगवान जगन्नाथ समिति के संरक्षक डॉ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि सुदर्शन जी को 18 घड़ों से, सुभद्रा जी को 22 घड़ों से, बलराम जी को 33 घड़ों से, जगन्नाथ जी को 35 घड़ों से स्नान कराने के बाद उनको वल्कल वस्त्र धारण कराकर स्वर्ण सिंहासन पर बैठाया गया। इस अवसर पर शिव सिंह सोलंकी, गिरीश शर्मा, कमलेन्द्र सिंह पंवार, आशीष कोठारी आदि मौजूद थे।
इस्कॉन मन्दिर
इस्कॉन मंदिर नवलोक कॉलोनी में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान जगन्नाथजी, बलरामजी, सुभद्राजी एवं सुदर्शन दण्ड स्तम्भ सहित चतुर्थ मूर्ति का स्नान अभिषेक किया गया। मन्दिर प्रबंधक मायापुरवासी दास ने बताया कि इस्कॉन एवं जगन्नाथ पुरी की परम्परानुसार सुगंधित द्रवों से युक्त विशेष जल से मन्दिर के पुजारियों ने स्नान मण्डप में भव्य दिव्य स्नान अभिषेक किया। मंदिर आम भक्तों के लिए बंद होने से वर्चुअल माध्यम से भक्तों ने स्नान दर्शन किए। अभिषेक के बाद जगन्नाथजी का गजवेश में हाथी के रूप में विशेष शृंगार धराया गया, जिसके समक्ष छप्पन भोग का प्रसाद सजाया गया।
इस्कॉन मंदिर नवलोक कॉलोनी में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान जगन्नाथजी, बलरामजी, सुभद्राजी एवं सुदर्शन दण्ड स्तम्भ सहित चतुर्थ मूर्ति का स्नान अभिषेक किया गया। मन्दिर प्रबंधक मायापुरवासी दास ने बताया कि इस्कॉन एवं जगन्नाथ पुरी की परम्परानुसार सुगंधित द्रवों से युक्त विशेष जल से मन्दिर के पुजारियों ने स्नान मण्डप में भव्य दिव्य स्नान अभिषेक किया। मंदिर आम भक्तों के लिए बंद होने से वर्चुअल माध्यम से भक्तों ने स्नान दर्शन किए। अभिषेक के बाद जगन्नाथजी का गजवेश में हाथी के रूप में विशेष शृंगार धराया गया, जिसके समक्ष छप्पन भोग का प्रसाद सजाया गया।