मंहगा बिकता है मांस और अंडे… कडकऩाथ का शरीर पूर्णतया काले रंग का होता है। इसे काली मासी भी कहा जाता है। असिस्टेंड प्रोफेसर सिद्धार्थ मिश्रा ने बताया कि कडकऩाथ में प्रोटीन साधारण मुर्गे-मुर्गियों से अधिक होता है। इसमें कोलेस्ट्रोल भी कम पाया जाता है। आवश्यक अमीनो अम्ल, विटामिन, खनिज तत्व साधारण मुर्गे की अपेक्षा इसमें अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जिससे इसका औषधीय उपयोग का माना जाता है। इसी खासियत से जानकार कडकऩाथ की मांग ज्यादा करते है। इसका मांस 400 से 600 जबकि अंडा 30 से 40 रुपए में बिकता है।
मुर्गीपालन में रोजगार के बढ़े अवसर.. आने वाले समय में विश्वविद्यालय कडकऩाथ की चूजों का अधिक से अधिक उत्पादन कर इनके अंडों व कडकऩाथ मुर्गे बेचने का काम करेगा। इसके साथ ही पशुपालकों को जोडऩे के लिए युवा बेरोजगारों को भी एक सुनहरा मौका मिल पाएगा। एमपीयूएटी में 11 दिसम्बर को ही करीब ढाई सौ चूजे कडकऩाथ प्रजाति के उत्पादित हुए है जो करीब 6 माह में तैयार हो जाएंगे। इसके बाद करीब 6 माह का समय और लगेगा जब इनसे अंडे और बच्चे मिलेंगे।