उदयपुर

जबलपुर से उदयपुर लाए ‘कडकऩाथ’ मुर्गा, अब मेवाड़ में मुर्गीपालकों के ल‍िए किए जा रहे तैयार

एमपीयूएटी में मुर्गी की प्रताप धन किस्म के बाद विश्वविद्यालय ने जबलपुर से शुद्ध कडकऩाथ मुर्गी के अंडों को लाकर चूजे तैयार किए

उदयपुरDec 13, 2019 / 02:29 pm

Chandan

kadaknath murga

चंदनसिंह देवड़ा/उदयपुर. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय ने मुर्गीपालन के क्षेत्र में कडकऩाथ(मुर्गे की नस्ल) की बढ़ती हुई डिमाण्ड को ध्यान में रखकर इसका उत्पादन शुरु कर दिया है। मुर्गी की प्रताप धन किस्म के बाद विश्वविद्यालय ने जबलपुर से शुद्ध कडकऩाथ मुर्गी के अंडों को लाकर चूजे तैयार किए हैंं। इन चूजों से मेल-फिमेल तैयार कर उत्पादन बढ़ाते हुए अगले एक साल में मेवाड़ में मुर्गीपालकों को कडकऩाथ भी उपलब्ध हो जाएंगे। हालांकि अभी भी कडकऩाथ की प्रजाति मिल रही है लेकिन वह क्रोस ब्रीडिंग की है।एमपीयूएटी के पशुउत्पादन विभागाध्यक्ष डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि कडकऩाथ भारत की अत्यधिक महत्वपूर्ण मुर्गियों की नस्ल है जो मुख्य रूप से मध्यप्रदेश के झाबुआ के धार क्षेत्र में पाया जाता है। क्रॉस ब्रीडिंग के कारण अब धीरे-धीरे शुद्ध नस्ल की मुर्गीयां मिलना कम होता जा रहा है। राजस्थान में पशुपालकों और उद्यमियों द्वारा कडकऩाथ की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसकी शुद्ध नस्ल का मिलना काफी मुश्किल होता है ऐसे में महाराणा प्रताप कृषि एंव प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने नानाजी देशमुख वेटरनरी साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर से करीब 500 अंडे मंगवा कर यहां पर यहां पर चूजों का उत्पादन किया है। यह चूजे कडकऩाथ की शुद्ध प्रजाति के हैं।
मंहगा बिकता है मांस और अंडे…

कडकऩाथ का शरीर पूर्णतया काले रंग का होता है। इसे काली मासी भी कहा जाता है। असिस्टेंड प्रोफेसर सिद्धार्थ मिश्रा ने बताया कि कडकऩाथ में प्रोटीन साधारण मुर्गे-मुर्गियों से अधिक होता है। इसमें कोलेस्ट्रोल भी कम पाया जाता है। आवश्यक अमीनो अम्ल, विटामिन, खनिज तत्व साधारण मुर्गे की अपेक्षा इसमें अधिक मात्रा में पाए जाते हैं जिससे इसका औषधीय उपयोग का माना जाता है। इसी खासियत से जानकार कडकऩाथ की मांग ज्यादा करते है। इसका मांस 400 से 600 जबकि अंडा 30 से 40 रुपए में बिकता है।
मुर्गीपालन में रोजगार के बढ़े अवसर..

आने वाले समय में विश्वविद्यालय कडकऩाथ की चूजों का अधिक से अधिक उत्पादन कर इनके अंडों व कडकऩाथ मुर्गे बेचने का काम करेगा। इसके साथ ही पशुपालकों को जोडऩे के लिए युवा बेरोजगारों को भी एक सुनहरा मौका मिल पाएगा। एमपीयूएटी में 11 दिसम्बर को ही करीब ढाई सौ चूजे कडकऩाथ प्रजाति के उत्पादित हुए है जो करीब 6 माह में तैयार हो जाएंगे। इसके बाद करीब 6 माह का समय और लगेगा जब इनसे अंडे और बच्चे मिलेंगे।
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