READ MORE : VIDEO : शोरूम और सर्विस सेंटर पर भीषण आग से मची अफरा-तफरी, देखें वीडियो… शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन दीपदान का विशेष महत्व होता है। गणगौर घाट पर दोपहर से शाम तक झील में दीपदान किया जाएगा। व्रतार्थी गत्ते के डिब्बों, कड़ब एवं कागज से नाव या दोने में दीप जलाकर झील में प्रवाहित करेंगे। दीपदान से पूर्व पिछोला के पानी से स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पूर्व बैकुंठी चौदस पर भी बड़ी संख्या में गणगौर घाट पर पूजा-अर्चना कर झील में दीपदान किया।