उन्होंने बताया कि हमने देश के विभिन्न हिस्सों में गो तस्करी, धर्म के नाम पर हुई 30 घटनाओं में मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और जानकारी प्राप्त की है। इस जानकारी को लोकसभा में उठाने के साथ ही मानवाधिकार आयोग में भी रखा जाएगा। प्रतिनिधि मंडल ने गुजराती समाज धर्मशाला में जनसुनवाई भी की। इस दौरान गत वर्ष प्रतापगढ़ जिले से मृतक जफर खान की पत्नी रशीदा भी पहुंची। रशीदा ने बताया कि पति की हत्या के बाद किए गए वादों में से एक भी पूरा नहीं हुआ है। न तो उन्हें किसी प्रकार की सहायता दी गई है और न ही परिवार के किसी सदस्य को नौकरी। इसी प्रकार गत 8 दिसंबर को उदयपुर में हुए प्रदर्शन में साम्प्रदायिक सद्भावना बिगाडऩे के नाम पर 12 मामले दर्ज किए गए। इनमें से कुछ लोग भी सुनवाई में पहुंचे और उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ दर्ज मामले बेबुनियाद है। घटना के समय वे मौके पर ही नहीं थे।
READ MORE : बार अध्यक्ष की बेटी के अपहरण के प्रयास का मामला…महिला अधिवक्ता व सहयोगी रिमांड पर इस अवसर पर माकपा के राजेश सिंघवी, भाकपा माले के शंकरलाल चौधरी, सीटू के विजेन्द्रसिंह चौधरी, मुस्लिम महासंघ के मोहम्मद बक्ष व के.आर. सिद्दीकी सहित कई लोग मौजूद थे। प्रतिनिधिमंडल में ये थे शामिल प्रतिनिधि मंडल में राघेश के अलावा पश्चिम बंगाल से सांसद बादारू डोझा, बिहार से विधायक महमूद आलम, हिमाचल प्रदेश से विधायक राकेश सिंघा, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता सुरेन्द्र नाथ , रश्मिता, सुभाषचन्द्र, हरियाणा के अधिवक्ता राजेन्द्र सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक अमराराम, संयुक्त सचिव वीजू कृष्णन, केरल से पूर्व विधायक पी. कृष्ण प्रसाद, अखिल भारतीय किसान मोर्चा के देवेन्द्र सिंह चौहान, एनएपीएम के राष्ट्रीय संयोजक बिलाल खान, बीएए गुजरात के मुजाहिद नफीस, एआईकेकेएमएस के जयकरण मण्डोथी, अरूप सेन, भरत शर्मा, राजेन्द्र शर्मा, चान्थू सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।