उनके खिलाफ किस तरह से कार्रवाई की जाए। दूसरी ओर पुलिस के ओहदेदारों का कहना है कि महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय के अधीक्षक से उन्हें कोई शिकायत कार्रवाई नहीं मिली है, जबकि सच यह है कि चार दिन पूर्व ही चिकित्सालय अधीक्षक ने पुलिस अधीक्षक के नाम पत्र भिजवा दिया था।
इसकी प्रतिलिपियां हाथीपोल थाना पुलिस और हॉस्पिटल चौकी पुलिस को भी दी गई है। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने गत 12 जनवरी को ‘गरीब जिंदगी का सौदा, खून से कमाई’ शीर्षक से स्टिंग ऑपरेशन का खुलासा कर समाचार का प्रकाशन किया था, जिसमें बताया था कि किस तरह राजकीय परिसर में सक्रिय खून के सौदागर गरीबों को खून के बहाने से लूटते हैं।
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जांच अधिकारी बदला: खून के सौदागरों को लेकर पीडि़त के बयान रिकॉर्ड करने के बाद पुलिस प्रशासन के निर्देश पर यह जांच चौकी कांस्टेबल से हटाकर चौकी प्रभारी डालचंद्र मेघवाल को सौंपी गई है। इसके बाद से पुलिस किसी तरह की कार्रवाई को अंजाम देने में विफल रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हर्ष रत्नु ने बताया कि मामला सामने आने के बाद उन्होंने चौकी प्रभारी से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। इधर, स्थिति यह है कि सौदागरों की ओर से पीडि़त पक्ष पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
जांच अधिकारी बदला: खून के सौदागरों को लेकर पीडि़त के बयान रिकॉर्ड करने के बाद पुलिस प्रशासन के निर्देश पर यह जांच चौकी कांस्टेबल से हटाकर चौकी प्रभारी डालचंद्र मेघवाल को सौंपी गई है। इसके बाद से पुलिस किसी तरह की कार्रवाई को अंजाम देने में विफल रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हर्ष रत्नु ने बताया कि मामला सामने आने के बाद उन्होंने चौकी प्रभारी से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। इधर, स्थिति यह है कि सौदागरों की ओर से पीडि़त पक्ष पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
सवालों पर मौन पुलिस कार्रवाई का आधार तलाशने में जुटी पुलिस इन सवालों को लेकर मौन साधे हुए है:-
अपराध का स्थल राजकीय चिकित्सालय परिसर है।
राजकीय चिकित्सालय में आने वाले मरीज से खून के सौदागरों ने ब्लड व्यवस्था के बदले एक हजार रुपए वसूले।
खून के यह सौदागर पन्नाधाय राजकीय चिकित्सालय के 29 नंबर वार्ड में खून के जरूरतमंद से मिले।
कुल 5 हजार रुपए में तय सौदे में एक हजार मिलने पर सौदागरों ने पीडि़त हरीश मीणा की गिरेबां क्यों पकड़ी।
पूरा रुपया नहीं मिलने की स्थिति में पीडि़त हरीश के काका को बंधक बनाकर एम्बुलेंस में बिठाए रखा।
खून के सौदागरों के साथ जनाना चिकित्सालय की महिला संविदा कर्मचारी भी शामिल है।
पन्नाधाय महिला चिकित्सालय की नर्सिंग एवं चिकित्सकीय जांच कमेटी जांच रिपोर्ट में अपराध होना बता चुकी है।
आए दिन आने वाले गरीबों से हो रही ठगी और ब्लड बैंक में सक्रिय गेंग को धरपकड़ के लिए कार्रवाई कौन करेगा।
अपराध का स्थल राजकीय चिकित्सालय परिसर है।
राजकीय चिकित्सालय में आने वाले मरीज से खून के सौदागरों ने ब्लड व्यवस्था के बदले एक हजार रुपए वसूले।
खून के यह सौदागर पन्नाधाय राजकीय चिकित्सालय के 29 नंबर वार्ड में खून के जरूरतमंद से मिले।
कुल 5 हजार रुपए में तय सौदे में एक हजार मिलने पर सौदागरों ने पीडि़त हरीश मीणा की गिरेबां क्यों पकड़ी।
पूरा रुपया नहीं मिलने की स्थिति में पीडि़त हरीश के काका को बंधक बनाकर एम्बुलेंस में बिठाए रखा।
खून के सौदागरों के साथ जनाना चिकित्सालय की महिला संविदा कर्मचारी भी शामिल है।
पन्नाधाय महिला चिकित्सालय की नर्सिंग एवं चिकित्सकीय जांच कमेटी जांच रिपोर्ट में अपराध होना बता चुकी है।
आए दिन आने वाले गरीबों से हो रही ठगी और ब्लड बैंक में सक्रिय गेंग को धरपकड़ के लिए कार्रवाई कौन करेगा।
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अपराध और उससे जुड़े हुए तथ्यों को तलाशा जा रहा है। प्रशासनिक स्तर पर हमें कार्रवाई के निर्देश मिले हुए हैं। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
अशोक आंजना, प्रभारी, हाथीपोल थाना
अपराध और उससे जुड़े हुए तथ्यों को तलाशा जा रहा है। प्रशासनिक स्तर पर हमें कार्रवाई के निर्देश मिले हुए हैं। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
अशोक आंजना, प्रभारी, हाथीपोल थाना