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#killbluewhale रंग ला रही मुहिम…स्कूल कर रहे बच्चों को जागरूक, दिला रहे ब्लू व्हेल से दूरी की शपथ

locationउदयपुरPublished: Sep 23, 2017 04:15:35 pm

Submitted by:

madhulika singh

शहर के स्कूलों में बच्चों को सुसाइड गेम ब्लू व्हेल से दूर रखने के लिए लाई जा रही जागरूकता

blue whale game
उदयपुर . खतरनाक ब्लू व्हेल गेम को लेकर अब धीरे-धीरे जागरूकता आने लगी है। राजस्थान पत्रिका द्वारा पिछले कई दिनों से इसके खतरों पर खबरें प्रकाशित करने पर उदयपुर में स्कूलों ने इस संबंध में बच्चों को जागरूक करना शुरू कर दिया है।

शहर के समीप कानपुर गांव स्थित डिवाइन पब्लिक स्कूल में अभिभावकों के साथ विद्यालय के स्टाफ ने बैठक करने के साथ ही घर पर बच्चों के मोबाइल उपयोग में लेने के दौरान ध्यान रखने की बात कही। साथ ही इस तरह के गेम से होने वाले खतरों के बारे में जानकारी दी गई। एंजल स्कूल बेदला की प्रधानाध्यापिका हर्षवंती जोशी ने गेम से उत्पन्न खतरे की जानकारी देते हुए कहा कि तकनीक का प्रयोग सही दिशा में किया जाना आवश्यक है। साथ ही बच्चे इंटरनेट पर क्या देखते हंै और वहां से प्राप्त होने वाली जानकारी का क्या उपयोग करते हैं, इस बात की जानकारी अभिभावकों को होनी चाहिए। इस दिशा में अभिभावकों और शिक्षकों को ध्यान दिया जाना अत्यावश्यक है। बच्चों को इस जाल से बचाना चाहिए। प्रेरणा पब्लिक सैकंडरी स्कूल बडग़ांव प्रधानाध्यापिका अनुसूया रावल ने अभिभावकों को बताया कि बच्चों को नेट उपयोग में लेने के दौरान परिजनों को पूरा ध्यान देना चाहिए। विशेष रूप से किशोरावस्था के बच्चों को बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें लेकिन साथ-साथ सही व गलत का फ र्क ध्यान में रखकर इस्तेमाल करें। यह गेम वास्तव में एक मनोवैज्ञानिक जाल है जिसमें बच्चा एक बार खेल शुरू करने के बाद मौत तक ही पहुंचता है। ऐसे में इसके खतरे से बच्चों को बचाना जरूरी है।

प्रार्थना सभा में दी हिदायत
अभिनंदन सै. स्कूल गायरियवास की प्रिंसिपल सुमित्रा आचार्य ने बच्चों को ब्लू व्हेल गेम से होने वाले नुकसान के बारे में कई प्रकार की जानकारी प्रार्थना सभा में सभी बच्चों को दी। इसको ना खेलने की हिदायत देते हुए इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताया गया। वैदेही पब्लिक स्कूल की प्रधानाध्यापिका सपना झंवर ने बताया कि अपने बच्चों को ऐसी चीजों से बचाने के लिए पेरेंट्स समय निकाल कर अपने बच्चों के साथ अधिक से अधिक वक्त बिताएं। उन्हें आउटडोर गेम्स खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। यदि बच्चे के शरीर में कोई असामान्य जख्म मिले तो यह इस खतरनाक गेम खेलने के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में अपने बच्चों का ध्यान रखें और उनको तभी इंटरनेट का इस्तेमाल करने दें, जब आपको लगे कि वह पूरी तरह सुरक्षित है।

बच्चों को दिलाया संकल्प
एम.डी एकेडमी में भी अभिभावकों को बच्चों के मोबाइल के उपयोग करने के दौरान जागरूकता बरतने के बारे में बताया गया। आलोक स्कूल के निदेशक प्रदीप कुमावत ने बच्चों को ब्लू व्हेल गेम के बारे में चेताते हुए कहा कि इस तरह के गेम बच्चों के मनोविज्ञान पर हावी हो रहे हैं। इससे वे कई तरह के बुरे कृत्य करने को तैयार हो जाते हैं। ऐसे में बच्चों को इसके जाल में फंसने नहीं देना चाहिए। उन्हें इस गेम के कुप्रभावों की जानकारी देनी चाहिए। अभिभावकों को भी इस बारे में बच्चों को हिदायत देनी चाहिए। उन्होंने बच्चों को संकल्प दिलाया कि वे ऐसे गेम्स नहीं खेलें।
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