जी-20 क्या है, कैसे काम करता है, कौन-कौन से देश इससे जुडे़ हैं। इसकी पूरी जानकारी दी जाएगी। खास बात ये है कि यह शेरपा सम्मेलन उदयपुर में होने के साथ ही ना केवल शहर के सम्मान को चार चांद लगेंगे बल्कि पूरे प्रदेश के लिए भी गर्व के पल होंगे। इस आयोजन के साथ ही ना केवल हमारे पर्यटन को नई दशा और दिशा मिलेगी वरन हमारे शहर में आने वाले 29 देशों के मेहमानों तक हमारा सीधा जुडाव हो जाएगा।
———— जी-20 समूह में ये देश शामिलजी-20 समूह में भारत सहित, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्राँस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 29 देश शामिल हैं।
——- उद्देश्य- अर्थव्यवस्था में प्रणालीबद्ध महत्वपूर्ण, औद्योगिक और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने के लिए में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाती है। – जी20 सम्मेलन में प्रतिनिधि के तौर पर 29 देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। इन देशों के नेताओं और यूरोपीय संघ के नेता शामिल व मंत्री स्तर की बैठकों में, इन देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक गवर्नर और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं।——–
कौन होते हैं शेरपा भुवनेश पण्ड्या जी-20 और जी-8 जैसे अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में किसी देश की ओर से शामिल होने वाले व्यक्तिगत प्रतिनिधि को शेरपा कहा जाता है। शेरपा सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर आर्थिक, राजनीतिक और वैश्विक एजेंडे पर बात करते हैं। किसी भी राजनीति स्तर पर सहमति के लिए शेरपा सम्मेलन से पहले बातचीत करते हैं और सम्मेलन में अपने नेताओं को बातचीत में मदद करते हैं। शेरपा को नेपाल के प्रचलित शब्द शेरपा से लिया गया है। शेरपा नेपाल में पर्वतारोहियों के लिए गाइड का काम करते हैं। इसी तरह से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शेरपा गाइड का काम करते हैं। इनकी नियुक्ति संबंधित देश की सरकार करती है। इस पद पर राजनयिक, राजनीतिक या प्रशासनिक अनुभव रखने वाले अधिकारी या वरिष्ठ नेता को नियुक्त किया जा सकता है। सुरेश प्रभु, अरविंद पनगढि़या, शक्तिकांत दास और मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी भारत की तरफ से शेरपा रह चुके हैं।