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दूरस्थ शिक्षा से दूर हुआ होटल मैनेजमेंट व रियल एस्टेट का ज्ञान

locationउदयपुरPublished: Dec 11, 2019 10:51:34 am

Submitted by:

bhuvanesh pandya

– यूजीसी ने जारी किए आदेश
 

दूरस्थ शिक्षा से दूर हुआ होटल मैनेजमेंट व रियल एस्टेट का ज्ञान

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भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर. दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से होटल मैनेजमेंट और रियल एस्टेट में कोई भी पाठ्यक्रम अब नहीं किया जा सकेगा। यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने दूरस्थ शिक्षा से इन पाठयक्रमों पर रोक लगा दी है। यूजीसी ने इस मामले में विभिन्न नियामक इकाइयों से जानकारी मांगी थी। इस जानकारी के आधार पर होटल प्रबंधन, कलीनरी स्टडीज, पाक कला अध्ययन और वेलूवेशन ऑफ रियल एस्टेट में हो रहे दूरस्थ पाठ्यक्रमों पर रोक लगा दी है। अकादमिक सत्र 2019-20 से इन विषयों में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कोर्स को मान्यता नहीं मिलेगी।
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ओडीएल कार्यक्रम में आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि अब तक मुक्त और दूरस्थ शिक्षा ओडीएल कार्यक्रम के तहत इस घोषणा से पहले उक्त कार्यक्रमों में यदि विद्यार्थियों ने दाखिला ले लिया है तो यूजीसी मापदंड के मुताबिक उनका कोर्स पूरा होने तक विश्वविद्यालय को मान्यता देनी होगी।

ये भी हो चुके हैं बंद

इससे पहले मेडिसिन और इंजीनियरिंग पर भी रोक लगा दी गई थी। यूजीसी ने 2017 में मुक्त एवं दूरस्थ नियमन अधिसूचना जारी की थी, इसके तहत पेशेवर कार्यक्रमों जैसे मेडिसिन, इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर की पढ़ाई को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कृषि में भी डिग्री कार्यक्रम को प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए भारतीय कृषि एवं अनुसंधान परिषद, आईसीएआर ने इस कोर्स में पहले से दाखिला ले चुके विद्यार्थियों को रियायत देने का अनुरोध किया था। इसके बाद यूजीसी ने दाखिले की समय सीमा को आगे बढ़ा दिया था।
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जनवरी और जुलाई से दूरस्थ सत्रयूजीसी ने अपने आदेश में दाखिले के कार्यक्रम को स्पष्ट करते हुए कहा है कि देश में मानसून का समय अगस्त से सितंबर तक रहता है, इसलिए अगस्त तक परंपरागत कोर्स में दाखिला होता है। दूसरी ओर मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा में अकादमिक सत्र जनवरी से शुरू हो जाता है और फ रवरी के अंत तक इसकी आखिरी तारीख होती है। दूसरी ओर जुलाई में शुरू होने वाले सत्र के लिए सितंबर में प्रवेश प्रक्रिया समाप्त हो जाती है।
इनका कहना है

कई ऐसे पाठ्यक्रम होते हैं जो प्रायोगिक बेस होते हैं। इस आदेश का लाभ विद्यार्थियों को ही मिलेगा। दूरस्थ शिक्षा में ऐसे पाठ्यक्रमों से माकूल प्रायोगिक ज्ञान नहीं मिल पाता।मुकेश बारबर, डिप्टी रजिस्ट्रार,सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय, उदयपुर
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