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ये कैसी नियति भगवान!! इकलौती बहन ने जिस हाथ पर राखी बांधी, उसी हाथ से अर्थी को दिया कंधा

locationउदयपुरPublished: Aug 08, 2017 10:12:00 am

Submitted by:

Mohammed illiyas

लकड़वास-झामर कोटड़ा मार्ग पर टैंकर ने एक्टिवा को लिया चपेट में, राखी के मौके पर ही फूफा-भतीजी की मौत, इकलौती बहन को खोने पर फूट पड़े भाई

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उदयपुर/गींगला. हंसी ठिठोली के बीच तीन भाइयों ने रक्षासूत्र बंधवाते हुए जिस इकलौती बहन को रक्षा का वचन दिया, उसे नियति ने चंद घंटों में ही उनसे छीन लिया। काल बनकर आया एक टैंकर का एक्टिवा सवार बहन व उसके फूफा की जान ले गया। लकड़वास-झामरकोटड़ा मार्ग पर हुए इस हादसे में भाइयों की हालत बिगड़ गई। क्षत विक्षत शव देखकर वे कांप उठे। घटना के समय साथ रहा एक भाई तो बहन व रक्षासूत्र को देखते हुए वहीं गिर पड़ा। इस हादसे में जहां तीन भाइयों की कलाई हमेशा के लिए सूनी हो गई वहीं भुआ का सुहाग भी उजड़ गया। राखी बंधे भाइयों के हाथों ने ही बहन की अर्थी को कंधा दिया। इस हृदयविदारक हादसे को देख हर व्यक्ति की आंख नम हो गई।  
पुलिस ने बताया कि बेड़वास (प्रतापनगर) निवासी वेणीराम (५८) पुत्र शंकरलाल औदिच्य राखी के पर्व पर पत्नी को लेकर ससुराल उथरदा (सलूम्बर) गया था। दोपहर को शुभ मुहूर्त में भुआ के साथ ही बहन भावना उर्फ भाग्यश्री (१८) पुत्री लालूराम औदिच्य ने भी अपने तीन भाइयों को रक्षासूत्र बांधा।
खुशी भरे माहौल के बीच भतीजा विष्णु अपनी भुआ व बहन को कालाभाटा गांव में मकान पर लेकर आ रहा था। कार में जगह नहीं होने से विष्णु की बहन भावना अपने फूफा वेणीराम के साथ एक्टिवा पर बैठ गई, शेषसभी कार में सवार हो गए। गांव से ही विष्णु एक्टिवा के पीछे ही कार लेकर चल रहा था। लकड़वास-झामरकोटड़ा मार्ग पर पीछे से तेज गति से आए टैंकर ने एक्टिवा को टक्कर मार दी, इससे फूफा-भतीजी उछलकर सड़क पर जा गिरे और टैंकर का पहिया दोनों को कुचलता हुआ आगे निकल गया। इससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई।
कुछ देर शव सड़क पर पडे़ रहे, भीड़ एकत्रित हुई तभी पीछे चल रहा भाई विष्णु वहां पहुंच गया। शव देखते ही मौके पर ही उनकी हालत बिगड़ गई।
सूचना पर प्रतापनगर थानापुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को एमबी. चिकित्सालय के मुर्दाघर में रखवाया। परिजनों के पहुंचने पर पोस्टमार्टम करा शव उनके सुपुर्द किए। इधर, पुलिस ने टैंकर जब्त कर मामला दर्ज किया।
विलाप, हर आंख नम
हादसे के बाद परिजन, रिश्तेदार एमबी चिकित्सालय के मुर्दाघर पहुंचे। भाग्यश्री के पिता व भाई के विलाप से सभी की आंखें नम हो गई। इकलौती बहन-बेटी के डोली के सपने देखने वाले पिता व भाइयों के शव लेते समय हाथ कांप उठे। भाइयों का विलाप वहां मौजूद सभी की आंखें नम कर रहा था।
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