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खाकी वाले साहब की ‘सरकार, भंैस का भुगतान देने से इनकार!

locationउदयपुरPublished: Dec 18, 2019 12:38:43 am

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

latest jail news जेल डीआईजी के सरकारी वाहन से भिड़ी भैंस, घायल भैंस के मालिक को पुलिस ने बड़े साहब का रौब दिखाकर भगाया

खाकी वाले साहब की 'सरकार, भंैस का भुगतान देने से इनकार!

खाकी वाले साहब की ‘सरकार, भंैस का भुगतान देने से इनकार!

उदयपुर/ कानोड़. Latest jail news स्थानीय उपकारागृह के निरीक्षण पर गए जेल डीआईजी का सरकारी वाहन मंगलवार को भींडर-कानोड़ के बीच सड़क पर दौड़ती भैंस से टकरा गया। दुर्घटना में एक ओर सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त हो गया तो दूसरी ओर चौपहिया वाहन की टक्कर से भैंस अधमरी हो गई। ग्रामीणों के बीच वाहन रोकने की जहमत नहीं उठाकर डीआईजी सुरेंद्रसिंह सीधे उपकारागृह पहुंच गए। इस बीच ग्रामीणों ने टक्कर मारकर मौके से रवाना हुई जीप की सूचना स्थानीय कानोड़ पुलिस को दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए नाकाबंदी भी की, लेकिन वाहन उपकारागृह तक पहुंच कर ही रूक गया। इस मामले में सूचना के बाद बड़वाई निवासी भैंस मालिक पृथ्वीराज गाडरी और पूर्व सरपंच पूरणमल अहीर सहित अन्य ग्रामीण उपकारागृह पहुंचे और डीआईजी जेल से मिलने की इच्छा जताई, लेकिन उपकारागृह स्टाफ ने ग्रामीणों को डीआईजी से मिलने ही नहीं दिया। उल्टा स्टाफ ने मामले की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराने की दलीलें दी।
बेकफुट पर आई पुलिस
इधर, दुर्घटना स्थल के डूंगला थाना क्षेत्र में होने की जानकारी पर ग्रामीणों ने इसकी सूचना डूंगला थाना पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस जवान पहुंचे भी तो साहब! का वाहन देख बेकफुट पर आ गए। न्याय की बात करने की बजाए पुलिस ग्रामीणों को समझाने में जुट गई। जवानों को यह तक बोलते भी देखा गया कि ‘गाड़ी बड़े साहब की है। इस गाड़ी का बीमा भी नहीं होता है। क्यों पचड़े में पड़ते हो, जो हुआ उसे भूल जाओÓ इस बीच ग्रामीण उपकारागृह के बाहर डीआईजी के बाहर आने का इंतजार करते रहे। बाद में पुलिस और उपकारागृह के स्टाफ ने ग्रामीणों परिसर से बाहर खदेड़ा। बता दें कि पुलिस ने उपकारागृह परिसर में खड़े वाहन को जब्त करने का कोई जोखिम नहीं उठाया।
पशु चिकित्सक ने खड़े किए हाथ
घायल हुई गर्भवती भैंस के उपचार को पहुंचे पशु चिकित्सक ने जबड़ों से बहते रक्त और टूटे हुए भैंस के मुंह को देखकर हाथ खड़े कर दिए। पीडि़त पशुपालक पृथ्वीराज ने बताया कि देर शाम तक भैंस तड़पती रही। उसने कई लोगों के समक्ष गुहार लगाई, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी। भैंस मालिक के अनुसार भैंस की कीमत लगभग 60 हजार रुपए है। वह पशु के उपचार में होने वाले खर्च को लेकर भी असहाय है।
एकदम से आई भैंस
संकरे रास्ते में झाडिय़ों से दौड़ती हुई भैंस एकाएक आकर वाहन से आकर टकरा गई। वाहन क्षतिग्रस्त हुआ है। भैंस को शायद कोई चोट नहीं आई। अच्छा रहा किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। latest jail news चालक का वाहन पर पूरा नियंत्रण था।
सुरेंद्रसिंह, डीआईजी, कारागृह उदयपुर
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