उदयपुर

उदयपुर के इन पुस्तकालयों में हैं ज्ञान का अथाह सागर, लगाओ गोता और निखरो

उदयपुर किताबें आज भी लोगों की जिज्ञासाओं को शांत करने के साथ ही उनके बौद्धिक विकास में उपयोगी सिद्ध हो रही हैं।

उदयपुरApr 24, 2018 / 05:00 pm

madhulika singh

हिमाद्री शर्मा / उदयपुर- किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त साबित होती रही है क्योंकि उनका अध्ययन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से व्यक्तित्व को प्रभावित करता है। ज्ञान के अथाह सागर के रूप में शहर की कई लाइब्रेरीज हैं, जो आज भी लोगों की जिज्ञासाओं को शांत करने के साथ ही उनके बौद्धिक विकास में उपयोगी सिद्ध हो रही हैं।
 

1. सेंट्रल लाइब्रेरी
मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी की 6 इकाइयों में समाया है ज्ञान का अथाह सागर। विश्वविद्यालय के मुख्य पुस्तकालय में जहां एक लाख पंद्रह हजार पांच सौ तीन नई व पुरानी पुस्तकें उपलब्ध हैं, जिनमें कला, साहित्य, अर्थशास्त्र, कानून और विज्ञान सहित विभिन्न विषयों का ज्ञान समाया हुआ है।
 

READ MORE: ग्रामीण विकास संबंधी संसदीय स्थाई समिति ने उदयपुर में यहां चलाएं तारीफों के बाण, गांवों में किया दौरा और ली बैठक

 

2.सरस्वती लाइब्रेरी
गुलाबबाग स्थित शहर की सबसे पुरानी सरस्वती लाइब्रेरी सिविल सेवा की तैयारी करने वालों की पहली पसंद है। छात्र गौरव ने बताया कि वैसे तो डिजिटलाइजेशन का प्रभाव बहुत पड़ा है, अब हम लोग लैपटॉप लेकर लाइब्रेरी में आते हैं और पढ़ाई करते हैं। जब कुछ समझ नहीं आता तो किताबें पढ़ लेते हैं।
 

3.आसींद हवेली पुस्तकालय
जगदीश चौक स्थित 70 वर्ष पुराने इस पुस्तकालय का इतिहास अपने आप में अनोखा है, जहां आज भी कई देशी और विदेशी छात्र नियमित रूप से आकर पुरानी किताबों का अध्ययन करते हैं।
 

4.सूचना केंद्र पुस्तकालय
सूचना केंद्र के पुस्तकालय में समसामयिक ज्ञान की सभी किताबें उपलब्ध रहती हैं जो सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करती हैं। छात्र उत्तम चौहान के अनुसार सिविल सर्विसेज के लिए सामान्य ज्ञान पर पकड़ होना जरूरी है। इसके लिए सूचना केंद्र की लाइब्रेरी में किताबें मिल जाती हैं। साथ ही कई सारी पत्रिकाएं भी पढ़ लेते हैं।
 


युवाओं में अब भी पुस्तकों के प्रति रुझान

1. छात्रा हीना पालीवाल के अनुसार वैसे तो आजकल मोबाइल और लैपटॉप पर ही सभी नई और पुरानी किताबें मिल जाती हैं लेकिन जब कभी किताबों के पन्ने पलटने की इच्छा होती है तो लाइब्रेरी ही याद आती है।
2. लाइब्रेरी में पढऩे आई वर्षा ने कहा कि लाइब्रेरी के डिजिटल होने और सोल सॉफ्टवेयर के प्रयोग से किताबों को खोजने में समय व्यय नहीं होता है। लाइब्रेरी के शांत वातावरण में पढऩे का मानस बनाता है।
3. गृहिणी भावना दवे के अनुसार मैं वैसे तो चेतन भगत की किताबें पढऩा बहुत पसन्द करती हूं और मोबाइल पर पढ़ भी लेती हूं लेकिन जब कभी बाहर जाती हूं तो कोई न कोई बुक खरीद ही लेती हूं।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.