script

लॉकडाउन में भटक गए राह, सडक़ों पर मिले ये मासूम

locationउदयपुरPublished: May 10, 2020 10:32:33 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

लॉकडाउन में भटक गए राह, सडक़ों पर मिले ये मासूम

Child

स्कूली बच्चों से मजदूरी

मोहम्मद इलियास/उदयपुर
लॉकडाउन में किसी बालक का घर में मन भटका तो किसी बालक को बोझ समझकर मालिक ही उसे रास्ते में छोड़ भागा। एक बालक तो परिवार में उपेक्षा के कारण सडक़ों पर लावारिस घूमता मिला। महज एक माह की अवधि में सुनसान सडक़ों पर मिले ऐसे बालकों को बाल सुरक्षा नेटवर्क व चाइल्ड लाइन की टीमों ने उनके घरों तक पहुंचाया। इससे पहले बच्चों की काउंसलिंग के साथ ही उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग करवाई गई।ऐसे ही छह बच्चे लॉकडाउन में अलग-अलग जगह पर मिले। इनमें एक को मालिक छोड़ गया तो चार बच्चे परिवार को बिना बताए घर से निकल गए।

रात के अंधेरे में छोड़ गया बालक को मालिक
लॉकडाउन के दौरान भीलवाड़ा से बाइक पर बिठाकर एक मालिक अपने नाबालिग बच्चे को तडक़े अंधेरे में गोगुंदा के राणा गांव में सडक़ पर छोड़ चला गया। बाल सुरक्षा नेटवर्क व चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्चे के पास पहुंचकर उसकी काउंसलिंग की। उसे बाद उसकी स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य जांच के बाद उसे पैतृक गांव पनारवा पहुंचाया गया। बालक ने बताया था कि वह अपने मालिक के साथ साबरकांठा जिले के लाम्बडिय़ा में कुल्फी बेचनेगया था। लॉकडाउन के चलते मालिक उसे अपने गांव गंगापुर ले गया और वहां काम नहीं होने पर वह उसे राणा गांव में छोड़ भागा।

चार बच्चे भटके राह
लॉकडाउन के दौरान चार दोस्त अपने गांव से पैदल ही अपनी बुआ से मिलने निकल गए। चारों रास्ता भटकते हुए बडुन्दियां गांव पहुंच गए। जतन संस्थान के फतहसिंह झाला को मिलने पर बाल सुरक्षा नेटवर्क व चाइल्ड लाइन ने रात भर उन्हें रखा और भोजन की व्यवस्था करवाई। बालकों से पूछताछ में उनके गांव का पता चलने पर टीम ने उन्हें झाड़ोल के ढूंढकियां गांव पहुंचाया। पूछताछ में पता चला कि चार बच्चें अपने परिजनों को बिना बताए घर से निकले थे, करीब 30-35 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद वे रास्ता भटक गए।

परिजनों को किया पाबंद
गोगुन्दा क्षेत्र में एक 13 वर्षीय बालक घर से उपेक्षित होकर हमेशा घबराई हुई अवस्था में रहता है। इस सूचना पर नेटवर्क के संयोजक की ओर से चाइल्ड लाइन जिला समन्वयक को रिपोर्ट दी गई। टीम ने मौके पर पहुंचकर बालक के परिजनों से मुलाकात की। बालक मानसिक रूप से परेशान होने पर परिजनों को सौहार्द वातावरण में नियमित इलाज के लिए पाबंद किया।

जेजे एक्ट के प्रावधानों के तहत धारा 31 में कोई भी लोक भावना युक्त नागरिक भी गुमशुदा अथवा लावारिस मिलने वाले बालकों को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है लेकिन इस समय कोविड-19 के चलते चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 अथवा संबंधित थाने के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी को सूचित कर सकते है।
बी.के.गुप्ता सीडब्ल्यूसी पूर्व सदस्य

ट्रेंडिंग वीडियो