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लापरवाही के चलते छलनी हो रही उदयपुर की ये प्रसिद्ध झील, अभी नहीं संभले तो भुगतने पड़ सकते हैं दुष्‍परिणाम

locationउदयपुरPublished: Mar 11, 2019 03:49:27 pm

Submitted by:

madhulika singh

– निकलने लगा पणा, जिम्मेदारों को पता ही नहीं

lake pichola

लापरवाही के चलते छलनी हो रही उदयपुर की ये प्रसिद्ध झील, अभी नहीं संभले तो भुगतने पड़ सकते हैं दुष्‍परिणाम

धीरेंद्र जोशी/उदयपुर . मार्च की शुरुआत के साथ ही शहर की झीलों का पैंदा नजर आने लगा है। इस स्थिति से जहां झील प्रेमी एवं शहरवासी चिंतित हैं और जिम्मेदार से झीलों से गाद निकलवाने की गुहार करवा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद वे नहीं चेते। इस लापरवाही का फायदा उठाकर ईंट भट्टा मालिक और किसानों ने मनमाने ढंग से झीलों से गाद उठाने का काम शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों की देखरेख के अभाव में झीलों की खुदाई के दूरगामी परिणाम सामने आ सकते हैं।
झील पेटे की मिट्टी (गाद, पणा) उपजाऊ होने के साथ ही ईंट, मटके आदि बनाने के लिए अच्छी होती है। ऐसे में ईंट भट्टा मालिक, किसान, कुम्भकार आदि इस मिट्टी को लेने की चाह रखने लगते हैं। पिछोला झील का पैंदा भी निकलने लगा है। ऐसे में सीसारमा की ओर सुबह से शाम तक खुदाई कर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में गाद ले जा रहे हैं। गाद निकालने का काम अभी प्रारंभिक चरण में है। इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया तो एक ही जगह बड़े-बड़े गड्ढ़े हो जाएंगे। ऐसे में भविष्य में झीलों को भरने में भी परेशानी हो सकती है।
यह हो सकता है नुकसान

पिछोला और फतहसागर से शहर के अधिकतर क्षेत्रों को जलापूर्ति होती है। गत मानसून में बारिश कम होने से इन झीलों में पानी काफी कम हो गया है जिससे इनके पैंदे का बड़ा क्षेत्र उघड़ गया है। कुछ जगह पानी है। बेतरतीब खुदाई से झीलों का पानी इन गड्ढ़ों में भरने का खतरा बना हुआ है।

व्यवस्थित रूप से निकले गाद

झीलों से गाद निकालना उनकी सेहत के लिहाज से अच्छा रहता है, लेकिन यह व्यवस्थित तरीके से हो। एक ही जगह गड्ढा करने से बारिश के मौसम में पानी पहले वहां भरेगा। इसके बाद आगे आएगा। इससे झीलों को भरने में समय लगेगा।
तीन माह पूर्व लिखे पत्र

झील विकास प्राधिकरण के सदस्य तेजशंकर पालीवाल ने झीलों के पेटे से गाद निकालने के लिए 26 दिसंबर, 2018 को मुख्यमंत्री के नाम पत्र भेजा। बाद में 16 जनवरी को कलक्टर, नगर निगम, नगर विकास प्रन्यास आदि को पत्र लिखकर शीघ्र ही व्यवस्थित और बड़ी मात्रा में गाद निकालने का अनुरोध किया लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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बढ़ेगी झीलों की उम्र
पालीवाल ने बताया कि झीलों से गाद निकालने से झीलों में पानी की भराव क्षमता बढ़ती है लेकिन इसे व्यवस्थित और तेजी से करने की आवश्यकता है। मिट्टी में प्लास्टिक अन्य प्रदूषण तत्व मौजूद होते हैं डिसिल्टिंग से तालाब की आयु बढऩे के साथ उसकी गहराई बढ़ती है और पानी की शुद्धता भी बढ़ेगी। इस कार्य को जल संसाधन विभाग के विशेषज्ञों की निगरानी में करवाना चाहिए।
नियमानुसार अनुमति से हमें एतराज नहीं
खुदाई कर रहे ठाकुर ओड़ ने बताया कि जब भी झीलों में पानी कम होता है। किसान खेतों में डालने के लिए और अन्य लोग ईंटे, मटके आदि बनने के लिए गाद ले जाते हैं। नियमानुसार प्रशासन इसकी अनुमति दे और विशेषज्ञ की देखरेख में गाद उठवाई जाती है तो हमें कोई एतराज नहीं। ट्रैक्टर जब्त करने पर रॉयल्टी से अधिक पेनल्टी लग जाती है और परेशानी भी बढ़ जाती है।
खान विभाग पहुंचा

पिछोला के सीसारमा वाले छोर पर शुक्रवार को खान विभाग के कर्मचारी पहुंचे। इन्होंने यहां से गाद की खुदाई कर रहे दो ट्रैक्टरों को जब्त कर लिया और कारीब 26 हजार रुपए प्रति ट्रैक्टर के अनुसार पेनल्टी लगाते हुए ट्रैक्टर जब्त कर नाई थाने में रखवाए गए।

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