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Lunar Eclipse 2018: उदयपुर में ग्रहण पर वैज्ञानिकों की रहेगी खास नजर

locationउदयपुरPublished: Jan 31, 2018 03:14:36 pm

Submitted by:

Dhirendra Joshi

उदयपुर. साल के पहले चंद्रग्रहण को लेकर वैज्ञानिकों में काफी उत्साह है।

Lunar Eclipse 2018 in udaipur
धीरेन्द्र कुमार जोशी /उदयपुर. साल के पहले चंद्रग्रहण को लेकर वैज्ञानिकों में काफी उत्साह है। वैज्ञानिक इस पर शोध करेंगे। वायुमंडल के प्रदूषण के साथ ही अन्य कई विषयों पर शोध किया जाएगा। वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रग्रहण का समय 6.15 बजे से रात 9.38 बजे तक रहेगा। बीएन विवि में फिजिक्स डिपार्टमेंट विभागाध्यक्ष प्रो. एसएनए जाफरी ने बताया कि इस बार का पूर्ण चंद्रग्रहण वैज्ञानिक अध्ययन के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी के बहुत नजदीक है।
इसे देखते हुए वैज्ञानिकों की खास निगाहें रहेंगी। पृथ्वी के वायुमंडल में प्रदूषण दर का अध्ययन होगा। उन्होंने बताया कि अभी सुपर मून होने के कारण चंद्रमा पृथ्वी के निकट (करीब 238000 मील दूर) है। इससे स्पेक्ट्रोस्कॉपी के प्रेक्षण अच्छे होंगे।

यहां से दिखेगा ग्रहण
यह चंद्रग्रहण अमरीका, उत्तरी यूरोप, रूस, एशिया, भारत, हिन्द व प्रशांत सागर और आस्टे्रलिया में ही देखा जा सकेगा।


लाल दिखेगा चंद्रमा
स्पेक्ट्रोस्कॉपी के अनुसार सूर्य की किरणें चन्द्रमा पर पृथ्वी की छाया तथा उपछाया के रूप में गिरती हैं और ये किरणें पृथ्वी के वायुमण्डल को पार करती हुई गुजरती हैं। अत: सूर्य के प्रकाश के नीले और बैंगनी रंग का रेले प्रकर्णन हो जाता है तथा पृथ्वी पर ही रुक जाता है, लेकिन लाल रंग चंद्रमा पर पहुंच जाता है। इससे चंद्रमा लाल नजर आएगा। यदि पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रदूषण है तो चंद्रमा मेहरुन हो जाएगा और प्रदूषण की मात्रा अधिक हो है तो चंद्रमा पर काले धब्बे दिखेंगे।
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मायोन के प्रभाव का अध्ययन
गत 22 जनवरी को फिलीपीन्स में मायोन ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था। इसका धुआं और उत्सर्जित प्रदूषण पृथ्वी के वायुमंडल में 23 सौ फीट ऊंचाई तक गया था। इससे वायुमंडल में प्रदूषण तीव्र हुआ है। यह ज्वालामुखी 5 सौ साल में पचास बार फट चुका है। वैज्ञानिक मायोन का प्रभाव चंद्रग्रहण की स्पेक्ट्रौस्कॉपी से अध्ययन करेंगे। बीएन विवि में भी इसके अध्ययन की तैयारी की गई है।
पौराणिक मान्यताएं…
चंदग्रहण के दौरान नहीं करें : ग्रहण के वक्त खुले आकाश में निकलना ठीक नहीं माना गया है। खासकर गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, रोगी और बच्चे। कहा जाता है कि ग्रहण से पहले या बाद में ही खाना खाएं। शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
ग्रहण के दौरान करें : ग्रहण होने पर दान करना श्रेष्ठ माना गया है। दान में आटा, चावल, चीनीए, दाल आदि दान करना श्रेष्ठ माना है। ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए दुर्गा चालीसा, श्रीमद्भागवत गीता पाठ करना, शनि की साढ़े साती से प्रभावित जातकों को शनि मंत्र या हनुमान चालीसा पाठ करना उचित माना गया है।

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