—— प्रशासन को पत्र लिखा और हाथीपोल पुलिस थाने में सूचना दी जनाना हॉस्पिटल की ओर से पूरे मामले की जानकारी जिला प्रशासन को अवगत करवाई गई थी, यहां से एडीएम के नाम एक पत्र लिखा गया था। साथ ही चिकित्सालय ने हाथीपोल थाने में भी सूचना दी थी। इससे पहले भी मनारोग विभाग से लेकर सामाजिक संस्थाओं से मदद मांगी गई थी, लेकिन इस पर कोई मदद नहीं हो पाई। एेसे में चिकित्सालय ने अपने स्तर पर ही एम्बुलेंस कर दोनों को नीमच भेजा गया।
इनका कहना है हमने अपने स्तर पर दोनों को मध्यप्रदेश भेज दिया था, क्योंकि वार्ड में उन्हें रखा गया था। वहां वे मरीजों को परेशान करने लगी थी। एेसे में हमारी समस्या बढ़ती जा रही थी। इसे दूर करने के लिए एेसा करना पड़ा। जो गायनिक समस्या थी, उसका उपचार हमने कर दिया था, लेकिन उनका मानसिक उपचार जरूरी था, लेकिन साथ में परिजन नहीं होने से कोई रखने के लिए तैयार नहीं था।
डॉ. मधुबाला चौहान, अधीक्षक, जनाना हॉस्पिटल, उदयपुर