चेटक सर्कल पर मुस्लिम समुदाय एवं ईसाई समुदाय की ओर से स्वागत किया गया। जगदीश चौक में जगदीश व महाकाल का मिलन और आरती हुई।महिला कार्यकर्ता महाकाल के आगे मार्ग बुहारते हुए चलींं,
मार्ग में जगह -जगह पर पुष्प वर्षा से सवारी का स्वागत किया गया। मार्ग में स्थित प्रमुख मंदिरों पर महाकाल की पूजा-आरती हुुुुई। चेटक सर्कल पर मुस्लिम समुदाय एवं ईसाई समुदाय की ओर से स्वागत किया गया। जगदीश चौक में जगदीश व महाकाल का मिलन और आरती हुई।
महिला कार्यकर्ता महाकाल के आगे मार्ग बुहारते हुए चलींं, वहीं अन्य महिलाएं फाागनिया वेश में मंगल कलश लेकर चलींं।
सवारी में आदिवासी समाज के लोग भगवान रूद्र के गण के रूप में पारम्परिक वेशभूषा में थाली-मादल, ढोल नगाडे बजाते हुए लोकगीत व लोकनृत्य गवरी करते हुए चल रहे थे
मार्ग में जगह -जगह पर पुष्प वर्षा से सवारी का स्वागत किया गया। मार्ग में स्थित प्रमुख मंदिरों पर महाकाल की पूजा-आरती हुुुुई।
वहीं अन्य महिलाएं फाागनिया वेश में मंगल कलश लेकर चलींं। सवारी में आदिवासी समाज के लोग भगवान रूद्र के गण के रूप में पारम्परिक वेशभूषा में थाली-मादल, ढोल नगाडे बजाते हुए लोकगीत व लोकनृत्य गवरी करते हुए चल रहे थे
मार्ग में जगह -जगह पर पुष्प वर्षा से सवारी का स्वागत किया गया। मार्ग में स्थित प्रमुख मंदिरों पर महाकाल की पूजा-आरती हुुुुई।
शाही सवारी अभिजित मुहूर्त में मंदिर से शुरू होकर निर्माणधीन गुफाा से होते हुए पूर्वी द्वार से फतह सागर के रास्ते से होते हुए काला किवाड, स्वरूप सागर,शिक्षा भवन चौराहा, चेटक सर्कल, हाथीपोल,मोती चोहट्टा,जगदीश चौक, गणगौर घाट, चांदपोल पुलिया, जाडा गणेशजी अम्बापोल पुलिया, अम्बामाता, राडाजी चौराहे होते हुए पुन: मंदिर परिसर में पहुंची,जहां पर महाकाल की महाआरती हुुुुुई
शाही सवारी अभिजित मुहूर्त में मंदिर से शुरू होकर निर्माणधीन गुफाा से होते हुए पूर्वी द्वार से फतह सागर के रास्ते से होते हुए काला किवाड, स्वरूप सागर,शिक्षा भवन चौराहा, चेटक सर्कल, हाथीपोल,मोती चोहट्टा,जगदीश चौक, गणगौर घाट, चांदपोल पुलिया, जाडा गणेशजी अम्बापोल पुलिया, अम्बामाता, राडाजी चौराहे होते हुए पुन: मंदिर परिसर में पहुंची,जहां पर महाकाल की महाआरती हुुुुुई
मार्ग में जगह -जगह पर पुष्प वर्षा से सवारी का स्वागत किया गया। मार्ग में स्थित प्रमुख मंदिरों पर महाकाल की पूजा-आरती हुुुुई।