पुलिस व पारिवारिक सूत्रों के अनुसार महंत सोमवार शाम करीब चार बजे गुजरात के अपने अनुयायी अक्षय उर्फ सन्नी के साथ अहमदाबाद में किसी भक्त के निवास पर बैठक में भाग लेने के लिए कार से रवाना हुए। मार्ग में हाईवे पर एक होटल में कुछ देर रुके तथा अल्पाहार भी किया। जैसे ही वे गाड़ी से निकले कि आगे सुनोक गांव के पास कार से भीषण टक्कर हो गई। इससे महंत के सिर पर गंभीर चोटें आई। हादसे के बाद एक बार तो महंत खुद गाड़ी से बाहर आकर सडक़ पर बैठे। इस दौरान काफी मात्रा में खून बह रहा था। आसपास से एकत्र लोगों ने शामलाजी के सिविल अस्पताल पहुंचाया, वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चालक अक्षय को भी चोटें आई हैं, उसका इलाज जारी है। इधर वरदा थानाधिकारी साकरचंद ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि अहमदाबाद रवानगी से पूर्व महंत व्यक्तिगत कार्य से थाने पर भी आए थे।
कल्लाजी संप्रदाय के हैं महंत महंत भीमसिंह के निधन को कल्लाजी संप्रदाय सहित समस्त संत समाज के लिए बड़ी क्षति माना जा रहा है। मूलत: वरदा गांव के निवासी भीमसिंह का जन्म 05 नवम्बर 1971 को हुआ था। उनके पिता का नाम लक्ष्मणसिंह व माता का तेजकुंवर हैं। महज सात वर्ष की आयु से उन्हें कल्लाजी महाराज का पर्चा शुरू हुआ। पिछले 35 सालों से वह वरदा काली कल्याण धाम के गादीपति हैं।