उदयपुर

Video ; सरकार व आयुक्त ने मांगी रिपोर्ट, नए सिरे से होगा टेंडर, अधीक्षक ने व्यवस्थाओं में किया बदलाव..

– अस्पताल की लान्ड्री में बाहरी कपड़े धुलने का मामला
– राजस्थान पत्रिका ने उजागर किया था गड़बड़झाला

उदयपुरJan 03, 2019 / 02:29 pm

Mohammed illiyas

मोहम्मद इलियास/उदयपुर . महाराणा भूपाल चिकित्सालय की लॉन्ड्री में सरकारी साबुन-सोड़ा व मशीनरी से निजी अस्पतालों, होटलों तथा धर्मशालाओं की चादरें धुलने का भंडाफोड होने के बाद राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा तथा संभागीय आयुक्त ने अस्पताल अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की है। इस पर अधीक्षक ने संबंधित लॉन्ड्री इंचार्ज को नोटिस देकर जवाब मांगने के साथ ही व्यवस्था में भारी बदलाव किया है। उन्होंने लॉन्ड्री की पूरी टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करते हुए नए सिरे से निविदा आमंत्रित की है जो 8 जनवरी को खोली जाएगी। इस बार गड़बड़झाला को रोकने के लिए निविदा में कुछ नई शर्तों को भी शामिल किया गया है। राजस्थान पत्रिका ने 2 जनवरी के अंक में ‘साबुन सरकारी अस्पताल का, धुल रहीं चादरें होटल-धर्मशालाओं की’ शीर्षक से खबर को प्रकाशन कर एमबी चिकित्सालय की लॉन्ड्री में चल रहे गड़बड़झाला की पोल खोली थी। इस पर प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा ने रिपोर्ट तलब की। कुछ संगठनों ने भी संभागीय आयुक्त को भेंटकर गड़बड़झाले में शामिल दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
इनका कहना…
संभागीय आयुक्त ने रिपोर्ट तलब की है। मामला गंभीर है, पूरी जांच कर रहे हैं। बुधवार को मौका निरीक्षण करने के साथ ही सभी को पाबंद किया है। लॉन्ड्री इंचार्ज से जवाब लिया है। लॉन्ड्री का निविदा नए सिरे से खोली जाएगी। — लाखन पोसवाल, अस्पताल अधीक्षक
 

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साबुन-सोड़ा भी बिका बाजार में !
महाराणा भूपाल चिकित्सालय की लॉन्ड्री में न केवल निजी अस्पतालों, धर्मशाला व होटलों के कपड़ों की धुलाई हुई, बल्कि सरकारी साबुन-सोड़ा भी बाहर बिकने का खुलासा हुआ है। मामले में अस्पताल अधीक्षक ने अपने स्तर पर जांच करते हुए लॉन्ड्री की पूरी व्यवस्थाओं में भारी बदलाव किया है। इधर, इस गड़बड़झाले के खुलासे के बाद बुधवार को सरकारी अस्पताल में चादरें साफ-सुधरी नजर आई। जानकारों का कहना है कि बरसों से करीब 400 किलो ग्राम साबुन, 200 किलो ग्राम सोड़ा व 50 किलो ग्राम कॉस्टिक प्रतिमाह दिया जा रहा है जबकि वार्ड एवं शय्याएं बढऩे के साथ ही चादरें बढ़ गई थी। इतना होने के बावजूद निजी धर्मशालाओं, अस्पतालों की चादरों, तौलियों, नेपकिन की धुलाई के अलावा साबुन-सोड़ा बाहर पहुंच रहा है। कुछ सामान बाहर बिकने के संबंध में पुख्ता साक्ष्य भी मिले। बताया गया कि साबुन का चूरा करीब 35 से 40 रुपए प्रतिकिलो ग्राम में बिक रहा था।

अधीक्षक ने व्यवस्था में किया बदलाव

खुलासे के बाद अस्पताल अधीक्षक लाखन पोसवाल ने टीम के साथ लॉन्ड्री का निरीक्षण कर सभी को पाबंद किया और व्यवस्थाओं में बदलाव किया है। बुधवार को लॉन्ड्री परिसर में सरकारी अस्पताल की चादरें ही नजर आई। अब तक गंदले पानी से निकलने वाली चादरों पर साबुन व सोड़ा से उजली होती दिखी। अधीक्षक ने समस्त वार्डों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान देने के साथ ही चादरों को साफ बिछाने के आदेश दिए। लॉन्ड्री में सीसीटीवी कैमरे लगाने पर भी विचार किया गया। इसके अलावा संबंधित इंचार्ज को आकस्मिक निरीक्षण के साथ ही गड़बड़ी होने पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
संभागीय आयुक्त को दिया ज्ञापन
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने संभागीय आयुक्त को ज्ञापन देकर मामले में जांच करने की मांग की। आयुक्त ने भी हाथोंहाथ कार्रवाई करते हुए अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की है। संभागीय महासचिव मोहम्मद छोटू कुरैशी ने बताया कि ज्ञापन में हाजी मोहम्मद बक्ष, पूर्व पार्षद नजर मोहम्मद, हाजी अब्दुल गफूर, मोहम्मद सलीम, यूनुस व किशन वाधवानी ने सरकारी राशि दुरुपयोगी की जांच की मांग की।
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