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प्रताप जयंती विशेष : हिन्दुआ सूरज महाराणा प्रताप अब विधानसभा में बिखेरे चमक

locationउदयपुरPublished: Jun 13, 2021 05:53:35 pm

Submitted by:

Mukesh Hingar

मेवाड़ की मांग महाराणा प्रताप की प्रतिमा राजस्थान विधानसभा में हो स्थापित, देश की संसद में राणा प्रताप को दिया सम्मान तो विधानसभा में भी मिले मान

उदयपुर के प्रताप गौरव केन्द्र पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा।

उदयपुर के प्रताप गौरव केन्द्र पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा।

‘‘हुं भूख मरुं, हुं प्यास मरुं, मेवाड़ धरा आजाद रहे।

हुं भोर उजाला म भट्कुं ,पण मन म मां री याद रहे।।
हुं रजपुतण रो जायो हुं , रजपुती करज चुकावुंला।

ओ शीष पडै , पण पाग नहीं ,पीढी रो मान हुंकावूं ला।।’’
( कवि कन्हैयालाल सेठिया कृत पीथल और पाथल से)

रिपोर्ट : मुकेश हिंगड़, जितेन्द्र पालीवाल व मधुलिका सिंह

उदयपुर. हिन्दुआ सूरज, मेवाड़ी आन-बान-शान का प्रतीक और राजस्थान की धरती का अभिमान वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने अपना जीवन इस वीर माटी पर न्योछावर कर दिया था। उन्होंने कभी भी मेवाड़ी स्वाभिमान और स्वतंत्रता के सूरज को अस्त नहीं होने दिया। जहां-जहां महाराणा प्रताप के पैर पड़े, वह धरती कृतघ्न हो गई। चाहे प्रताप की जन्मस्थली कुंभलगढ़ हो, राजतिलक स्थली गोगुंदा, युद्ध स्थली हल्दी घाटी और निर्वाण स्थली चावंड हो। ये सभी स्थलियां और संपूर्ण मेवाड़ प्रताप की शौर्यगाथा गाता आज भी नजर आता है। महाराणा प्रताप की 481वीं जयंती पर उन्हेें शत-शत नमन ।
मेवाड़ या राजस्थान ही नहीं बल्कि महाराणा प्रताप संपूर्ण हिंदुस्तान के गौरव हैं। यही कारण है कि उनका प्रताप एक ओर जहां भारत के लोकतंत्र के मंदिर में नजर आता है, वहीं देश के कई हिस्सों में जगह-जगह लगी उनकी प्रतिमाओं के माध्यम से बयां होता है। अब राजस्थान के अभिमान और शान महाराणा प्रताप की प्रतिमा को राजस्थान विधानसभा में भी लगा कर उस स्थान का गौरव बढ़ाने की बारी है। साथ ही मेवाड़ में अब तक कहीं भी महाराणा प्रताप का पैनोरमा नहीं है। ऐसे में महाराणा प्रताप का पैनोरमा भी स्थापित किया जाना चाहिए ताकि इस धरती के लिए किया गया संघर्ष यहां आने वाला हर शख्स जान पाए। इस मेवाड़ी पूत की ख्याति इन्हीं माध्यमों से बरकरार रखने का योगदान जनप्रतिनिधियों से लेकर हर आम नागरिक तक को देना चाहिए।
संसद में शोभायमान हैं महाराणा प्रताप

दिल्ली में संसद भवन के द्वार संख्या 12 में बाईं तरफ हल्दीघाटी के युद्ध में उनके प्राणों की रक्षा करने वाले विश्वसनीय साथियों सहित घोड़े पर सवार महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगी है। इस प्रतिमा की ऊंचाई 18 फीट है। ओडिशा के मूर्तिकार फकीर चरण परीदा ने इस प्रतिमा को बनाया था और 21 अगस्त, 2007 को लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने इसका अनावरण किया था। संसद भवन को ये प्रतिमा उस वक्त राज्य सभा के सांसद जसवंत सिंह ने दी थी। यहां महाराणा प्रताप के साथ ही झाला मान, राणा पूंजा, भामाशाह और हकीम खां सूरी की भी प्रतिमा लगी है।
अब रामनगरी अयोध्या में लगेगी प्रताप की प्रतिमा
अब अयोध्या में भी महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। जयपुर के मूर्तिकार महावीर भारती व निर्मला कुल्हरी द्वारा साढ़े 12 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा तैयार की गई है। इस लॉस्ट वैक्स प्रोसेस से बनी प्रतिमा का वजन 1500 किलोग्राम है, जिसे बनाने में 6 माह का समय लगा है। मेटेलिक कलर के साथ यह पूरी प्रतिमा लेमिनेशन की गई है। इसे प्रताप जयंती के मौके पर जयपुर से अयोध्या के लिए रवाना किया जाएगा। अयोध्या में इसका अनावरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।

उठी मांग, लगाई जानी चाहिए प्रताप की प्रतिमा

महाराणा प्रताप एक वैश्विक नायक हैं। उन्हें दुनिया के कई देशों में पूजा जाता है। संसद में उनकी प्रतिमा है तो अब अयोध्या में भी स्थापित होगी। जैसे दिल्ली में संसद भवन में महाराणा प्रताप की प्रतिमा है तो वैसे ही राजस्थान विधानसभा में भी होनी चाहिए। संसद से पहले तो यहां महाराणा प्रताप के सम्मान में प्रतिमा लगवाई जानी चाहिए थी लेकिन अब तक यहां वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा नहीं लगाई गई है। ऐसे में अब तो सरकार को इस संबंध में कदम उठाते हुए विधानसभा में प्रताप की प्रतिमा लगानी ही चाहिए। यह मानना शहर के कई जनप्रतिनिधियों व प्रबुद्ध नागरिकों का है।
प्रताप जयंती विशेष : हिन्दुआ सूरज महाराणा प्रताप अब विधानसभा में बिखेरे चमक
IMAGE CREDIT: Pramod Soni
…तो मेवाड़ होगा गौरवान्वित
प्रताप की प्रतिमा लगनी चाहिए। यह मेवाड़ व राजस्थान के लिए सौभाग्य की बात है। मेरे हिसाब से सब इसके पक्ष में है और यह काम होना चाहिए। महाराणा प्रताप की प्रतिमा संसद के बाद विधानसभा में लगेगी तो राजस्थान व खासकर मेवाड़ तो गौरवान्वित होगा।
– धर्मनारायण जोशी, विधायक मावली व राष्ट्रीय संरक्षक विप्र फांउडेशन
नहीं होनी चाहिए देरी

बिल्कुल लगनी चाहिए। यह मांग पूर्व में उठा चुके हैं। जब संसद में प्रतिमा लगी उसके बाद भी इस पर हमने विधानसभा में प्रतिमा लगाने की बात रखी। इसके लिए कई बार पत्र व्यवहार भी किए। वहां प्रताप की प्रतिमा लगेगी यह हमारे लिए गौरव की बात होगी, इसमें देरी नहीं होनी चाहिए।
– रणधीर सिंह भींडर, पूर्व विधायक वल्लभनगर

विस में लगे प्रताप की प्रतिमा

हमारी भावना है कि हमारे गौरव महाराणा प्रताप की प्रतिमा विस में लगनी चाहिए। हमने अभी इस विषय पर चर्चा की तो सबकी इच्छा है कि यह काम जल्दी होना चाहिए। हम इस पर लोगों व जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे। करीब 11 लाख लोगों से सरकार तक अपनी बात रखेंगे कि प्रताप की प्रतिमा विधानसभा में लगे।
– प्रो. एस.एस. सांरगदेवोत, कुलपति राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय

अब तक लग जानी चाहिए थी

अब तक तो लग जानी चाहिए थी। जब देश की संसद के अंदर प्रताप पूरी टीम के साथ बिराजमान है तो यहां क्यों नहीं। राजस्थान तो प्रताप का कर्मक्षेत्र रहा है, संसद से पहले विधानसभा में लगनी चाहिए। अब भी प्रताप जयंती पर संकल्प लेकर इस कार्य को सबसे पहले करना चाहिए ताकि प्रताप के दर्शन से राजनीतिक क्षेत्र में भी हमारा स्वाभिमान जगा रहे।
– प्रेमसिंह शक्तावत, संयोजक महाराणा प्रताप समिति

काम होने पर बहुत बड़ा दिन होगा

महाराणा प्रताप की वीरता व उनके त्याग को देश दुनिया में याद किया जाता है। वे महान पुरुष थे और उनकी प्रतिमा विधानसभा में लगनी चाहिए। यह बहुत बड़ा दिन होगा जब यह काम होगा।
– लालसिंह झाला, निवर्तमान अध्यक्ष देहात कांग्रेस

बहुत पहले होना चाहिए था
यह तो बहुत पहले होना चाहिए था। महाराणा प्रताप तो सबके गौरव है तो राजधानी में विधानसभा में उनकी प्रतिमा लगनी चाहिए थी। इसमें देरी नहीं होनी चाहिए, जल्दी ही इस पर निर्णय करना चाहिए। इसमें राजनीति जैसी कोई बात ही नहीं है सभी सर्वसमति से इस पर फैसला कर इस पर काम जल्दी होना चाहिए।
– राजकुमार फत्तावत, प्रदेश अध्यक्ष बीजेएस

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