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VIDEO: लेकसिटी के आसमां पर रहेगा बाहुबली का राज, मकर संक्रांति को लेकर बच्चों एवं युवा में उत्साह

locationउदयपुरPublished: Jan 12, 2018 03:05:34 pm

उदयपुर . मकर संक्रांति पर्व पर मेवाड़ में दान-पुण्य के साथ ही पारंपरिक खेल खेलने की परंपरा निर्वाह होगा।

Makar sankranti festival celebration in udaipur
उदयपुर . मकर संक्रांति पर्व पर मेवाड़ में दान-पुण्य के साथ ही पारंपरिक खेल खेलने की परंपरा निर्वाह होगा। घरों और बाजारों में इसकी तैयारियां शुरू गई हैं। इस अवसर पर सितोलिया, मारदड़ी, पतंगबाजी आदि के आयोजन होंगे। मकर संक्रांति पर इस बार आसमान में बाहुबली का राज रहेगा।

मकर संक्रांति पर खेले जाने वाले पारंपरिक खेलों को लेकर युवाओं एवं बच्चों में उत्साह है, वहीं बाजारों में व्यवसायियों ने गेंदों एवं पतंगों की दुकानें सजानी शुरू कर दी है। इनके विभिन्न रंग और विशेषताओं वाली पतंगें बच्चों और युवाओं को आकर्षित कर रही हैं।
हालांकि मेवाड़ में मकर संक्रांति के बजाय निर्जला एकादशी पर पतंग उड़ाने की परंपरा रही है, लेकिन गत कुछ वर्षों से अब संक्रांति पर भी पतंगें उडऩे लगी हैं। विक्रेता विवेक शर्मा ने बताया कि शहर में गर्मियों की छुट्टियों में पतंगें ज्यादा बिकती है, लेकिन गत चार-पांच वर्षों से संक्रांति पर भी पतंगें उडऩे लगी है।
Makar sankranti festival
इस पर्व पर भी पतंगों की मांग बढऩे लगी है। शर्मा का कहना है कि संक्रांति पर इस बार विशेष तरह की पंतगें मंगवाई हैं जिसमें बच्चों की पहली पसंद कार्टून वाली डोरेमोन, मोटू -पतलू, स्पाइडर मैन, बाहुबली, बाहुबली-2 पतंगें है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के चित्र एवं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ वाली पतंग के साथ ही सॉफ्टी पतंगें बहुत बिक रही हैं। पतंगों की कीमत 2 से 50 रुपए तक की पतंगें बिक रही है। दुकानदारों ने बताया कि धागे में बरेली का धागा ज्यादा बिक रहा है।
सादा धागे का गिटटा भी बिक रहा है। दूसरी ओर, मकर संक्रांति पर घरों में जहां तिल के विविध व्यंजन के साथ ही खींच बनाया जाएगा। इसके चलते बाजार में तिल, गुड़ आदि की खूब बिक्री हो रही है।

खत्म होगा खरमास
ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि मकर संक्रांति के आने का मतलब खरमास समाप्त होना भी है। सूर्यदेव के दक्षिणायन से उत्तरायण आने के बाद से खरमास खत्म होगा। खरमास में कोई भी मांगलिक काम नहीं होते हैं। खरमास खत्म होते ही तमाम शुभ काम का योग शुरू हो जाता है। विवाह के योग भी बनते हैं।
Makar sankranti festival
 

पतंग डोर से पक्षियों को बचाएं
पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में हुई संगोष्ठी में मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी के दौरान पक्षियों को बचाने का आह्वान किया। उप निदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने बताया कि सुबह 6 से 8 बजे व शाम 5 से 7 बजे की अवधि में पक्षियों के उन्मुक्त विचरण का समय होता है। ऐसे में कांच के टुकड़ों से व रासायनिक पदार्थों से निर्मित चाइनीज मांझे का उपयोग नहीं करें। घायल पक्षी को तुरन्त पशु चिकित्सालय लाएं।
दो दिन संक्रांति का पुण्य काल
मकर संक्रांति कुछ जगहों पर 14 और कहीं 15 जनवरी को मनाया जाएगा। जानकार बताते हैं कि 14 जनवरी की दोपहर 1.47 बजे सूर्यदेव का प्रवेश मकर राशि में होगा। इसके बाद 15 जनवरी को संक्रांति सुबह 5.11 बजे तक रहेगी। इससे दो दिनों तक संक्रांति का पुण्यकाल रहेगा। इस दिन स्नान और दान की परंपरा रहती है। कई जगह पितृों को जल में तिल अर्पण भी किया जाता है।

देवताओं की सुबह
शास्त्रों में उत्तरायण के समय को देवताओं का दिन तथा दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा गया है। इस तरह मकर संक्रांति एक तरह से देवताओं की सुबह मानी जाती है। इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग और परिजात योग में मनेगा। त्रयोदशी तिथि रविवार को पडऩे से सर्वार्थ सिद्धियोग और गुरुमंगल के साथ तुला राशि में रहने से पारिजात योग बन रहा है।
मकर संक्रान्ति खेलकूद आयोजन
दिगम्बर जैन दशा हुमड़ महिला मंडल की ओर से मकर संक्रान्ति पर्व के उपलक्ष्य में विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताएं हुईं। अध्यक्ष किरण आंजणिया व महामंत्री पारस धन्नावत ने सितोलिया, रस्साकशी, दौड़, कुर्सी रेस आदि के विजेताओं को पुरस्कृत किया।
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