उदयपुर

ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले ड्राइवर्स को समय पर भोजन व रहने की व्यवस्था कीजिए, ये सबसे खास कड़ी

– सरकार ने सभी कलक्टर्स को दिए निर्देश
– सरकार के पास पहुंची शिकायतें

उदयपुरMay 06, 2021 / 09:52 am

bhuvanesh pandya

ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले ड्राइवर्स को समय पर भोजन व रहने की व्यवस्था कीजिए, ये सबसे खास कड़ी

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. ऑक्सीजन सप्लाई के लिए लगे वाहनों के चालकों व उनके साथ लगे एस्कॉर्ट वाहनों व स्टाफ के भोजन व ठहराव को लेकर कई जिलों से शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने सभी जिला कलक्टर्स से कहा है कि वाहन चालक, सह चालक ऑक्सीजन टेंकरों के परिवहन व्यवस्था की अहम कड़ी है, उन्हें समय पर खाना दिया जाए और रहने की व्यवस्था की जाए, यदि ये व्यवस्था सुचारू नहीं की गई तो टैंकरों के नियमित व व्यवस्थित व त्वरित गति से संचालन की व्यवस्था चरमरा जाएगी।
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ये दिए निर्देश

– जैसे ही वाहन संबंधित जिले में पहुंचे, वाहन के साथ आए वाहन चालक, सह चालक, एस्कॉर्ट स्टाफ व प्रत्येक वाहन के साथ आए राजकीय कार्मिकों के रहने व भोजन की व्यवस्था रखी जाए। चिकित्सा विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने कलक्टर्स को निर्देशित किया है कि प्रत्येक जिले के नोडल अधिकारियों को ऑक्सीजन वाहन के आने की पूर्व सूचना होती है। ऐसे में ये व्यवस्था उनके पहुंचते ही की जाए।
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अनलोडिंग का काम नहीं करेंगे
– किसी भी स्थिति में टैंकरों की अनलोडिंग का कार्य टैंकरों के चालकों से नहीं करवाया जाए, क्योंकि इसके कारण जब तक वाहन अपलोड नहीं होता वाहन चालक को उसके साथ रहना पड़ता है। उसे आराम, भोजन आदि का समय उपलब्ध नहीं होता है।
– संपूर्ण राजस्थान में 23 ऑक्सीजन टैंकर, 23 एस्कार्ट वाहन राउण्ड दी क्लॉक ऑक्सीजन परिवहन की व्यवस्था में लगे हुए हैं। जिन पर करीब 200 वाहन चालक व कार्मिक व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए कार्यरत हैं। इस संख्या में धीरे-धीेरे इजाफा भी हो रहा है। इस व्यवस्था में लगे कार्मिकों को चिकित्सकीय सुविधा भी जिला स्तर पर जरूरी होने पर की जाए व प्रत्येक वाहन में मेडिकलल किट भी आवश्यक रूप से रखवाना होगा।
– वाहनों की दैनिक दूरी 600 किलोमीटर से अधिक होने पर कुछ भोजन के पैकेट भी वाहन के रवाना होते समय रखवाए जाए।
– संबंधित जिले के आरटीडीसी होटल्स में वर्तमान में पर्यटकों का ठहराव नहीं है, और उनमें वर्तमान में स्थान भी उपलब्ध है, इन स्टाफ को व चालकों को वहा रुकवाया जा सकता है। उनके बिलों का भुगतान आपदा प्रबंधन के लिए आवंटित बजट से किया जाए। हर कलक्टर्स को कहा गया है कि इस पूरी प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए एक अधिकारी को प्रभारी बनाया जाए।
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