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16 से लग रहा है मलमास, अब एक माह तक नहीं होंगे शुभ और मांगलिक कार्य, इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव

locationउदयपुरPublished: Dec 11, 2019 02:09:08 pm

Submitted by:

madhulika singh

मलमास 16 दिसंबर को दोपहर 3.26 बजे शुरू होगा, जो 14 जनवरी को रात्रि में 2.06 बजे तक रहेगा।

16 दिसम्बर से शुरु हो रहा मलमास, एक माह बंद रहेंगे मांगलिक कार्य

16 दिसम्बर से शुरु हो रहा मलमास, एक माह बंद रहेंगे मांगलिक कार्य

मेनार . हिन्दू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है ताकि वह काम सफलतापूर्वक पूर्ण हो और उसका पूरा लाभ व्यक्ति को प्राप्त हो। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, शरद ऋतु में एक माह का समय ऐसा आता है जब मांगलिक कार्य पूर्णत: प्रतिबंधित होते हैं। इसे खरमास या मलमास भी कहा जाता है। इस पूरे महीने के दौरान हिन्दू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार नहीं होते हैं।
संस्कृत वैद्य संस्था के पं. अम्बालाल शर्मा ने बताया कि मलमास में सूर्य धनु राशि का होता है। ऐसे में सूर्य का बल वर को प्राप्त नहीं होता। ऐसे में मलमास 16 दिसंबर को दोपहर 3.26 बजे शुरू होगा, जो 14 जनवरी को रात्रि में 2.06 बजे तक रहेगा। इस मास में रामायण, गीता तथा अन्य धार्मिक व पौराणिक ग्रंथों के दान सहित वस्त्रदान, अन्नदान, गुड़ और घी से बनी वस्तुओं का दान करना अत्यधिक शुभ माना गया है।
ये र‍ाशियां होंगी प्रभावित
जानकारों के अनुसार सूर्य के राशि परिवर्तन से धनु, मीन के अलावा सूर्य की अपनी राशि, सिंह के जातक भी प्रभावित होंगे। मलमास के दौरान ये तीनों राशियां आलस्‍य महसूस करेंगी, और हो सकता है इनका काम भी अटके।


विष्‍णु भगवान की होती है पूजा
पुराणों के आधार पर, चंद्र मास के हर महीने के लिए एक अलग देवता होते हैं, जो उस महीने के स्वामी होते हैं। जबकि मलमास का स्वामी बनने के लिए सभी देवताओं के मना करने पर विष्णु इस महीने के स्वामी बनें। इसी कारण इस माह में विष्णु भगवान की पूजा की जाती है।

सूर्य को जल चढ़ाए
ज्योतिष के अनुसार 12 ग्रह होते हैं और सूर्य को इनका राजा माना जाता है। सूर्य देव की साधना करने से बाकि ग्रह भी आपको परेशानी नहीं पहुंचाते। इसल‍िए सुबह जल्दी उठकर नहाने के सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें और इसमें चावल, लाल फूल, लाल चंदन भी डालें। पूर्व दिशा की ओर मुंह करके सूर्य देव को अर्घ्य चढ़ाएं। इस दौरान सूर्य मंत्र ‘ऊँ सूर्याय नम:’ का जाप करें। ऐसा करने से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है और भाग्योदय में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं।
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