संस्कृत वैद्य संस्था के पं. अम्बालाल शर्मा ने बताया कि मलमास में सूर्य धनु राशि का होता है। ऐसे में सूर्य का बल वर को प्राप्त नहीं होता। ऐसे में मलमास 16 दिसंबर को दोपहर 3.26 बजे शुरू होगा, जो 14 जनवरी को रात्रि में 2.06 बजे तक रहेगा। इस मास में रामायण, गीता तथा अन्य धार्मिक व पौराणिक ग्रंथों के दान सहित वस्त्रदान, अन्नदान, गुड़ और घी से बनी वस्तुओं का दान करना अत्यधिक शुभ माना गया है।
ये राशियां होंगी प्रभावित
जानकारों के अनुसार सूर्य के राशि परिवर्तन से धनु, मीन के अलावा सूर्य की अपनी राशि, सिंह के जातक भी प्रभावित होंगे। मलमास के दौरान ये तीनों राशियां आलस्य महसूस करेंगी, और हो सकता है इनका काम भी अटके।
जानकारों के अनुसार सूर्य के राशि परिवर्तन से धनु, मीन के अलावा सूर्य की अपनी राशि, सिंह के जातक भी प्रभावित होंगे। मलमास के दौरान ये तीनों राशियां आलस्य महसूस करेंगी, और हो सकता है इनका काम भी अटके।
विष्णु भगवान की होती है पूजा
पुराणों के आधार पर, चंद्र मास के हर महीने के लिए एक अलग देवता होते हैं, जो उस महीने के स्वामी होते हैं। जबकि मलमास का स्वामी बनने के लिए सभी देवताओं के मना करने पर विष्णु इस महीने के स्वामी बनें। इसी कारण इस माह में विष्णु भगवान की पूजा की जाती है।
सूर्य को जल चढ़ाए
ज्योतिष के अनुसार 12 ग्रह होते हैं और सूर्य को इनका राजा माना जाता है। सूर्य देव की साधना करने से बाकि ग्रह भी आपको परेशानी नहीं पहुंचाते। इसलिए सुबह जल्दी उठकर नहाने के सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें और इसमें चावल, लाल फूल, लाल चंदन भी डालें। पूर्व दिशा की ओर मुंह करके सूर्य देव को अर्घ्य चढ़ाएं। इस दौरान सूर्य मंत्र ‘ऊँ सूर्याय नम:’ का जाप करें। ऐसा करने से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है और भाग्योदय में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं।